20 February 2020

WISDOM ----- हम सब एक ही मोतियों के हार में गुँथे हुए हैं

 एक  बार  पर्शिया  के  नागरिक  बहुत  परेशान   हो  गए  , क्योंकि  पक्षी  उनके  खेतों  का  अनाज  खा  जाया  करते  थे  l   परेशां  नागरिक  अपना  कष्ट  लेकर  राजा  फ्रेडरिक  के  पास  पहुंचे  l   सुनकर  राजा  को  बहुत  क्रोध  आया  l   उसने  तत्काल  राज्य  के  सभी  पक्षियों  को  मारने  की   घोषणा  कर  दी  l   पक्षियों  के  मारे  जाने  पर   नागरिकों  ने  उत्सव  सा  मनाया  और  यह   सोचा  कि   उनकी  सारी   समस्याओं  का  अंत  हो  गया  l   लेकिन  अगले  वर्ष  खेतों  में  अनाज  बोने    पर  एक  दाना  भी  नहीं   उगा  l  राजा  ने  कारण  पता  लगवाया  तो  पता  चला  कि  मिटटी  में  जो  कीड़े  थे  ,  उन्होंने  बीजों  को  ही  खा  लिया   था  l  पहले  इन  कीड़ों  को  पक्षी  खा  जाते  थे  ,  जिससे  बीज  सुरक्षित  रहते  थे  ,  लेकिन  इस  बार  पक्षियों  के  न  रहने  से   फसल  के  होने  से  पहले  ही  त्राहि - त्राहि  मच  गई   l  जब  यह  कारण  सबको  पता  चला  तो  राजा  से  लेकर   सामान्य  नागरिक  तक  ,  हर  कोई  अपनी  नादानी  पर  पछताया  l   उन्हें  महसूस  हुआ  कि   इस  सृष्टि  में  सभी  प्राणी   एक  दूसरे  पर  निर्भर  हैं  ,  यहाँ  पर  परमात्मा  ने  कोई  भी  प्राणी  व्यर्थ  नहीं  बनाया   और  सभी  मिलकर  सृष्टि चक्र   में  सहयोग  करते  हैं   l   इसमें  से  किसी  एक  को  भी  हटाना  ,  प्रकृति  की  व्यवस्था  में  गतिरोध  पैदा  करना  है  ,  जिसका  दुष्परिणाम   प्रत्येक  को  भुगतना  पड़ता  है  l   दूसरे  राज्य  से  पक्षी  बुलाए   गए  ,  तब  जाकर   राज्य  की  कृषि  व्यवस्था  सही  हो  पाई  l