15 February 2021

WISDOM -----

 कोई  भी  परिस्थिति  जिसमे  हम  वर्षों  तक  रहें ,  फिर  हमें  उसकी  आदत  बन  जाती  है   और  उसी  के  अनुरूप  व्यवहार  हो  जाता  है  l   युगों  तक  हम   गुलाम  रहे  l   आजादी  तो  मिल  गई  ,  हम  पर  राज  करने  वाले  तो  चले  गए  लेकिन  उन   परिस्थितियों  में  रहने  की  जो  आदत  बन  गई  थी ,  वह  नहीं  गई  l   पहले  हम   अपनी  कमजोरियों  के  कारण  ,  राजाओं  की  विलासिता  और   आपसी  फूट   के  कारण   गुलामी  का  जीवन  जीने  को  विवश  थे   लेकिन  आज  व्यक्ति  अपने  स्वार्थ ,   लोभ   और  लालच  के  कारण    अपने से   धनी    और  शक्तिशाली   व्यक्ति  की  गुलामी  करता  है   l   सबसे  ज्यादा  जरुरी  है  स्वाभिमान  होना   l                          मनुष्य  की  यह  कमजोरी  है  कि   वह  बुरी  आदत  जल्दी  सीखता  है ,  अच्छाई  ग्रहण  नहीं  करता  l   

WISDOM -------

   एक  बोध  कथा  है  ---- एक  बार  भगवान  बुद्ध    अपने  शिष्यों  के  साथ  एक  नगर   में पहुंचे  l   उस  नगर  के  लोग   भिक्षु - भिक्षुणियों  को  बहुत  प्रताड़ित  करते, गलियां  देते , व्यंग्य  करते  दूषित  लांछन  लगाते  l  इन  सबसे  परेशान     होकर   आनंद  ने  भगवान   बुद्ध  से  कहा  --- भगवन  !  किसी  दूसरे  नगर  चलें  l '  हँसते  हुए  भगवान  बोले ---- ' यदि  वहां  के  लोगों  ने  भी  प्रताड़ित  किया   तो  कहाँ  जाएंगे  ? ' आनंद  बोले -- ' प्रभु  !  संसार  में  नगरों  की  कमी  नहीं  है  l  '  तब  भगवान  बुद्ध  बोले  ---- " आनंद  !  तुम  बहुत  भोले  हो  l  जो  यहाँ  हो  रहा  है  वह  सभी  जगह  होगा  l   सभी  जगह  अँधेरा  हमसे  नाराज  होगा   l  इनसानियत   को  नष्ट  करने  वाली  बीमारी  सभी  जगह  हमसे  रुष्ट  होगीं  l   धर्म  के  नेतागण  हर  जगह  एक  जैसे  हैं   l   जब  भी  उनके  स्वार्थ   पर चोट  पड़ती  है   तो  वे  यही  करते  हैं   l   हमारी  रीति   है    अँधेरे  को  मिटाना   और  उनकी  रीति   है  अँधेरे  में  जीना   l   हम  अँधेरे  पर  चोट  करने  से  नहीं  चूक  सकते    और  वे  प्रतिशोध   लेने  से  नहीं  चूक  सकते   l   उनके  पास  यही  एकमात्र  उपाय  है  l   बड़ी  गहरी  तकलीफ  में  हैं   वे   बेचारे   l   वे  दया  के  पात्र  हैं   l   तू  उन  पर  नाराज  होने  के  बजाय  उनकी  पीड़ा  समझ  l '