22 May 2021

WISDOM -------

    इमर्सन  का  कहना  है ---- " आओ  हम  चुप  रहें  , ताकि  फरिश्तों  के  वार्तालाप  सुन  सकें  l  "    यदि  हम  स्वस्थ  रहना  चाहते  हैं  तो  हमें  कुछ  देर  मौन  रहने  की  जरुरत  है  l   शान्त   और  एकाग्र  मन  से   ही    हम  प्रकृति  के  सन्देश  को   सुन   सकते  हैं ,  समझ   सकते  हैं  l   ईश्वर   ने  इस   संसार  को  बनाया  और  उसे  अपनी  इस  रचना  से   बहुत  प्रेम  है   l    प्रकृति   ने  हमें  स्वस्थ  रहने  के  लिए  सब  कुछ  दिया  लेकिन   स्वयं  को   बुद्धिमान   समझने  के  कारण    हम  उसके   महत्व   को   समझ   नहीं    रहे     हैं   l   जिन  पांच  तत्वों  से  हमारा  शरीर  बना  है  , अंत  में  वह  उसी  में  विलीन  हो  जाता  है   l    यह  सत्य  सम्पूर्ण  संसार  के  लिए  है   लेकिन  इनके   आधार  पर  जो  जलवायु  है , पर्यावरण  है   वह  सब  जगह  भिन्न - भिन्न  है   और  लोगों  की   आकृति , रंग रूप  में  भी  इसी  कारण  अंतर  होता  है   l   यह  ईश्वरीय  व्यवस्था  है  कि   हम  जिस  मिट्टी   में  पैदा  हुए    उसकी  अपनी  एक  विशेषता  है   इसलिए   उसी के  अनुरूप   कृषि पदार्थ  , चिकित्सा  , सौंदर्य  प्रसाधन ,  खान- पान , वेशभूषा    हमारे  लिए  उपयुक्त  होगी   l   यदि  हम  यह  सोचें  कि   पूरी  दुनिया  के  लिए  एक  जैसा  खान - पान , एक  जैसी  वेशभूषा ,  एक  ही  चिकित्सा   पद्धति   हो  तो  कोई  भी  स्वस्थ  नहीं  रह  सकेगा   l   विद्वानों  का  कहना  है  --- एक  पौधा  जो  ब्रिटेन  या  अमेरिका  में  रोपा  गया   ,  वह वहीँ  की  जलवायु  में  फलेगा - फूलेगा    यदि   हम उसे  वहां  से  लाकर  किसी  दूसरी  जलवायु  के  क्षेत्र  में  लगाएंगे   तो  वह   सूख    जायेगा  और  जहरीला  हो  जायेगा   l '     मानवीय  मूल्यों ,  नैतिकता   के  नियम  सम्पूर्ण  संसार  के  लिए  एक  जैसे  हों  l