25 June 2023

WISDOM ----

 पुराण  में  एक  कथा  है ---- समुद्रमंथन  के  दौरान  भगवान  शिव  ने  जगत  कल्याण  के  लिए  विष  का  पान  कर  लिया  था  l  इससे  उनका  कंठ  नीला  पड़  गया  l  ऐसा  माना  जाता  है  कि  जिस  माह  में  महादेव  ने  विषपान  किया  , वह  सावन  माह  था  l  विषपान  से  भगवान  शिव  के  शरीर  का  ताप  बढ़ने  लगा  ,  जिसे  शांत  करने  के  लिए  देवों  ने  शीतलता  प्रदान  की  ,  लेकिन  इससे  भी  भगवान  शिव  की  तपन  शांत  नहीं  हुई  ,  तब  उन्होंने   शीतलता  पाने  के  लिए   चंद्रमा  को  अपने   सिर  पर  धारण  किया   l  देवराज  इंद्र  ने  घनघोर  वर्षा  की  जिससे   भगवान  शिव  को  शीतलता  मिले  l  इसी  घटना  के  बाद  से   सावन  के  महीने  में   शिवजी  को  प्रसन्न  करने  और  शीतलता  प्रदान  करने  के  लिए  जलाभिषेक  किया  जाता  है  l