वृहत भारत के विश्वकर्मा श्री विश्वेश्वरैया कहा करते थे --- ' यदि हम जीवन में सफलता प्राप्त करना चाहते हैं , तो उसका मूल मन्त्र है ----- समय का सदुपयोग l ' अति - परिश्रम के साथ समय पालन का उनमे अद्भुत गुण था l विद्दार्थी जीवन से ही वे समय के अत्यंत पाबंद थे l उनके पढ़ने - लिखने , सोने - जागने का समय नियत था l आरम्भ से ही टाइमटेबिल बनाकर कार्य करने कि उनकी आदत थी l उनकी महानता का , उपलब्धियों का यही रहस्य था l उन्हें ' भारत रत्न ' से सम्मानित किया गया था l
श्री विश्वेश्वरैया प्रथम श्रेणी के डिब्बे में सफर कर रहे थे l उसी में कुछ अंग्रेज भी थे l अचानक वे हड़बड़ा कर उठे और गाड़ी खड़ी करने के लिए जंजीर खींचने लगे l अंग्रेजों के मना करने पर भी वे न माने और जंजीर खींचकर गाड़ी खड़ी कर दी l गार्ड सहित रेल - कर्मचारी आये और गाड़ी रोकने का कारण पूछा तो श्री विश्वेश्वरैया ने कहा --- "कुछ ही आगे रेल की पटरी ख़राब हो गई है , गाड़ी उलट जाने का खतरा है l " किसी को उनके इस कथन पर विश्वास नहीं हुआ तो उन्होंने कहा ---- " मैं हर बात को बहुत गंभीरता से सोचने और परखने का अभ्यस्त रहा हूँ l रेल के पहिये और पटरी के घिसने से जो आवाज निकलती है , वह बताती है कि आगे पटरी खराब पड़ी है l " उन्होंने कहा कि इस कारन गाड़ी बहुत धीरे और सावधानी से चलानी चाहिए l
उस समय तो किसी ने उनकी बात का भरोसा नहीं किया किन्तु थोड़ी दूर जाने पर जब पटरी उखड़ी पाई गई तो सब अवाक रह गए और यात्रियों की जान बचाने का धन्यवाद देते हुए उन्हें भविष्यवक्ता कहने लगे l विश्वेश्वरैया यही कहते रहे कि --- " गंभीरता पूर्वक सामान्य बातों को भी ध्यान से समझने और जानने का प्रयत्न करने वाला हर व्यक्ति भविष्य वक्ता हो सकता है l '
श्री विश्वेश्वरैया प्रथम श्रेणी के डिब्बे में सफर कर रहे थे l उसी में कुछ अंग्रेज भी थे l अचानक वे हड़बड़ा कर उठे और गाड़ी खड़ी करने के लिए जंजीर खींचने लगे l अंग्रेजों के मना करने पर भी वे न माने और जंजीर खींचकर गाड़ी खड़ी कर दी l गार्ड सहित रेल - कर्मचारी आये और गाड़ी रोकने का कारण पूछा तो श्री विश्वेश्वरैया ने कहा --- "कुछ ही आगे रेल की पटरी ख़राब हो गई है , गाड़ी उलट जाने का खतरा है l " किसी को उनके इस कथन पर विश्वास नहीं हुआ तो उन्होंने कहा ---- " मैं हर बात को बहुत गंभीरता से सोचने और परखने का अभ्यस्त रहा हूँ l रेल के पहिये और पटरी के घिसने से जो आवाज निकलती है , वह बताती है कि आगे पटरी खराब पड़ी है l " उन्होंने कहा कि इस कारन गाड़ी बहुत धीरे और सावधानी से चलानी चाहिए l
उस समय तो किसी ने उनकी बात का भरोसा नहीं किया किन्तु थोड़ी दूर जाने पर जब पटरी उखड़ी पाई गई तो सब अवाक रह गए और यात्रियों की जान बचाने का धन्यवाद देते हुए उन्हें भविष्यवक्ता कहने लगे l विश्वेश्वरैया यही कहते रहे कि --- " गंभीरता पूर्वक सामान्य बातों को भी ध्यान से समझने और जानने का प्रयत्न करने वाला हर व्यक्ति भविष्य वक्ता हो सकता है l '