27 March 2020

WISDOM ------- हम को मन की शक्ति देना, मन विजय करें

   कहते  हैं --- ' मन  के  हारे  हार  है , मन  के  जीते  जीत  l '     जीवन  में  हमें   जो  पल  मिले  हैं  उन्हें  सार्थक  करने  में  ही  हमारी  भलाई  है   l   शासन  ने  तो   लॉक  डाउन  कर  दिया  अब  यह  हमारे  हाथ  में  है  कि   हम  इस  समय  का  सार्थक  उपयोग  करते  हैं   या   इसे  व्यर्थ  गँवा  देते  हैं  l   कुछ  समय   बाद  ये    दिन   इतिहास  बन     जायेंगे     ,  हमारी  यादों  में   रहेंगे  l   महामारी   से  बचने  के  लिए   प्रतिरोधक        शक्ति  जरुरी  है  जो  नियम , संयम , प्राणायाम ,  संतुलित  भोजन   के  साथ  पारिवारिक  शांति  और  मन  में  संतोष  पर  निर्भर  है  l
  महाभारत  में  प्रसंग  है  --- जब  पांडव  जुए  में  हार  गए   और  उन्हें  12 वर्ष  का  वनवास  और  एक  वर्ष  का  अज्ञातवास  हुआ   l  इस  अज्ञातवास  में  वे   निष्क्रिय  होकर  नहीं  रहे   l   वे  लोग  वेश  बदल  कर   राजा  विराट  के  यहाँ  रहे  l   अर्जुन  ने  उस  अवधि  में   वहां  नृत्य - संगीत  सिखाने   का  कार्य  किया  l   शक्तिशाली  भीम  ने  रसोइये  का  कार्य  किया  l   यज्ञ  से  उत्पन्न  हुई  द्रोपदी  ने  महारानी  की  सेवा  , उनके  साज श्रंगार  का  कार्य  किया  l इसी  तरह  नकुल , सहदेव  और   युधिष्ठिर  ने  अलग - अलग  कार्य  किये  l   सम्पूर्ण  वनवास  की  अवधि  में  और  फिर  अज्ञातवास  में  निरंतर  सक्रिय   रहकर   ही   उन्होंने  वो  ऊर्जा  संचित  की  जिससे  वह  महाभारत  के  युद्ध  में  विजयी  हुए  l   इस  अवधि  में  पांचों  पांडव  और  द्रोपदी  परस्पर  मेलजोल  से  परिस्थितियों    से  संतुलन  बनाकर  रहे  l
  दूसरी  तरफ  कौरव  भोग - विलास   और  छल - कपट  और  षड्यंत्र  जैसे    नकारात्मक   कार्यों  में  अपनी  ऊर्जा   नष्ट  करते  रहे  l   इसलिए  पराजित  हुए  l