भारतीय संस्कृति संसार की अन्य सभी संस्कृतियों से क्यों श्रेष्ठ है ? क्योंकि यह हमें सिखाती है कि कण - कण में भगवान हैं , हम सब एक माला के मोती हैं , हर मोती अपनी जगह महत्वपूर्ण है l हमें बचपन से ही सिखाया जाता है कि कभी किसी का घर मत तोड़ो , चिड़िया ने घोंसला बनाया है तो उसे तोड़ो नहीं , उसे भी जीने का हक है l यदि बगिया में किसी पेड़ में मधुमक्खी ने छत्ता बनाया है तो उसे तोड़ो नहीं , वह दूर - दूर से फूलों का पराग लाती है , यह घर - परिवार में खुशियों के आने का संदेश देती है l केवल मनुष्य ही एक ऐसा प्राणी है जो बेवजह दूसरों को काटता है , सताता है l मधुमक्खी को यदि छेड़ो नहीं , तो चाहे वह अपने सिर पर भी बैठ जाये , कभी काटेगी नहीं l पता नहीं मनुष्य को सद्बुद्धि कब आएगी , मात्र अहंकार के कारण युद्ध - उन्माद से कितने लोग बेघर हो जाते हैं , शवों की तो कोई गिनती ही नहीं होगी l यह भी आश्चर्य है कि इतनी लाशों का बोझ कोई कैसे उठा पाता है l असुरता का हमेशा से ही यह प्रयास रहा है कि देवत्व को मिटा दिया जाये , इसके लिए वे साम , दाम , दंड , भेद हर नीति का सहारा लेते हैं l जब हम जागरूक होंगे , धर्म और जाति के आधार पर आपस में लड़कर अपनी ऊर्जा को व्यर्थ में बरबाद नहीं करेंगे , तभी संगठित होकर हम अपनी संस्कृति की रक्षा कर सकेंगे l