1 October 2019

WISDOM ---- व्यक्ति जन्म से नहीं , कर्म से महान बनता है

    महान  व्यक्ति  के  अंदर  अहंकार  नहीं  होता  ,  उनमे  त्याग  की  भावना  होती  है   l  मानवीय  संवेदना के  कारण    वे  सबके   सुख - दुःख  को  अपना  सुख - दुःख  मानते  हैं   l  उनकी  सम्पूर्ण  जिन्दगी  औरों  के  लिए  समर्पित  हो  जाती  है   l  ऐसे  व्यक्ति  श्रेष्ठता  का  प्रमाण  नहीं  देते  , बल्कि  वे   स्वयं  प्रमाण  होते  हैं   l  महान व्यक्ति  समस्त मानवता   के  लिए  संवेदनशील  होते  हैं  l   किसी  भी  महान  व्यक्ति  की  परख   उसके  बड़े - बड़े  कार्यों  से  नहीं ,  बल्कि  छोटे - छोटे  कार्यों  से  ही  हो  जाती  है  l
 महात्मा  गाँधी  छोटी - छोटी  बातों  से  ही  महात्मा  बने   l  महात्मा  गाँधी  में  विनम्रता  और  सबके  लिए  अपनत्व   व  आत्मीयता  का  भाव  था  -----   1936  की  बात  है ,  गांधीजी  वर्धा  में  सेवाग्राम  चले  गए  l  वहां   रहकर  उन्होंने    आसपास  के   ग्रामीण  लोगों  से  संपर्क  साधना  शुरू  किया  l  वे  नियमित  रूप  से  निकटवर्ती  गाँवों  में   जाते  ,  लोगों  को  स्वच्छता  का  महत्व  समझाते  ,  स्वयं  झाड़ू  लेकर   गली -   कूंचों  की  सफाई  करते   तथा  गरीब  गंदे  बच्चों  को  स्नान  कराते  l  ग्रामीणों  को   स्वच्छता  का  पाठ  पढ़ाने  का  यह  क्रम   महीनों    तक   नियमित  रूप से चलता  रहा  l
  बापू  के  इस  प्रयास का  कोई  विशेष  परिणाम   निकलता  न  देख कर   एक  कार्यकर्ता  ने   कहा --- बापू  !  इन  पिछड़े लोगों  को   समझाने    एवं  आपके  स्वयं  सफाई  करने  से  भी   इन  पर  कोई  प्रभाव   तो  पड़ता  नहीं  ,  फिर  भी  आप  क्यों  तन्मय  होकर   इस  कार्य  में  लगे  रहते  हैं  ? '
  गांधीजी  ने  कहा --- बस !  इतने  में  ही  धैर्य  खो  दिया   l  सदियों  के  संस्कार  इतनी  जल्दी  थोड़े  ही  दूर  हो  जायेंगे  l  लम्बे  काल  तक  इनके   मध्य  रहकर   इनमे  शिक्षा ,  स्वास्थ्य ,  सफाई  के  प्रति  अभिरुचि  एवं  जागरूकता  पैदा  करनी  होगी   l