19 September 2020

WISDOM -----

    कहते  हैं  इतिहास  से  शिक्षा  लेकर      स्वयं को  सुधारना  चाहिए  ,  व्यक्ति , समाज  हो  या  राष्ट्र   अपनी   गलतियों  को  बार - बार  दोहराना  नहीं  चाहिए  ,  उन्हें  सुधारने  का   सशक्त  प्रयास  करना  चाहिए  ,  अन्यथा  इतिहास  स्वयं  को  दोहराता  है  l   आपसी  फूट ,  ऊंच - नीच , जातिगत  भेदभाव  ,  संपन्न  और  शक्तिवान  लोगों   का   भोग - विलास  का  जीवन  --- इन्ही  सब  दोषों  के  कारण    देश  पर  समय - समय  पर   विदेशी  आक्रमण  हुए   और   हम    अपनी  जमीन    पर ,   अपनी  धरती   पर  रहते  हुए  भी   विदेशी  आधिपत्य  को , उनके  आदेश    को    मानने   के  लिए  मजबूर  हुए  l   इतिहास    में  इसके  सैकड़ों  उदाहरण  हैं  -------            करनाल   के  विशाल  मैदान  में    मुहम्मद शाह  की  सेना  परास्त  हो  चुकी  थी  l   विजयी  नादिरशाह  जब  दिल्ली  पहुंचा    तो  उसका  भव्य  स्वागत  किया  गया  l  नादिरशाह  ने  पानी  पीने  की  इच्छा  जाहिर  की  l   मुहम्मद शाह  ने  पानी  लाने  का  संकेत  किया  l   काफी  देर  हुई  , किन्तु  पानी  अभी  तक  नहीं  लाया  गया  l   नादिरशाह  को  नगाड़े  और  तुरही  की  आवाज  सुनाई  दी  l   नादिरशाह  ने  समझा  कि   कोई  उत्सव  आरम्भ  हो  गया   l   देखा  तो    अनुचरों  की  भीड़    सोने - चांदी   के  थालों  में  सजाये  , चँवर   ढुलाते  पानी  की  सुराही   और  गिलास  , पानदान  और  पीकदान    लिए  चले  आ  रहे  हैं   l   उसने  विलासितापूर्ण  आडम्बर  देखकर  कहा  --- मुहम्मद शाह   अब  मैं  समझा  कि   तुम्हारे   पास   इतनी  विशाल  सेना  होते  हुए   तुम  क्यों  हारे  l   उसने  अपने  भिश्ती  को  संकेत  दिया    जो  मशक  भरकर  पानी  लाया   और  नादिरशाह  ने  अपना  टोप   उतारा   और  उसमे  पानी  भरा   और  पी   गया    फिर  मुहम्मद शाह  से  बोला ---   यदि  हम  भी  तुम्हारी  तरह    विलासी  होते    तो  ईरान  से  हिंदुस्तान   तक  नहीं  आ  सकते  थे  l