5 November 2023

लघु -कथा --- नया पाने के लिए पुराना छोड़ो

   विन्ध्याचल  पर्वत  पर  दो  चींटियाँ  रहती  थीं  l   एक  उत्तरी  चोटी  पर  और  दूसरी  दक्षिणी  चोटी  पर   l  एक  का  घर  शक्कर  की  खान  में  था ,  और  दूसरी  का  नमक  की  खान  में  l   एक  दिन  शक्कर  की  खान  में  रहने  वाली  चींटी  ने  दूसरी  को  निमंत्रण  दिया  --- "  बहन  !  क्या  इस  नमक  की  खान  में  पड़ी  हो  ,  मेरे  यहाँ  चलो  , वहां  शक्कर  ही  शक्कर  है  l  खाकर  मुँह  मीठा  करो  और  अपना जीवन  सफल  बनाओ  l  "  दूसरी  चींटी  ने  निमंत्रण  स्वीकार  कर  लिया  और  दूसरे  दिन  शक्कर  की  खान  में  जा  पहुंची  l   अपनी  सहेली  को  देख   चींटी   बड़ी  प्रसन्न  हुई  और  उसे  घूम- घूमकर   शक्कर  की  खान  दिखाई  और  कहा  --- यहाँ  किसी  बात  की  कमी  नहीं  है  ,  जी  चाहे  जितनी  शक्कर  खाओ  l  "     चींटी  दिन  भर  इधर -उधर  भागती  फिरी   और  शाम  को   पहली  चींटी  से  यह  कहकर  चली  गई   कि  बहन  तुमने  मुझे  बड़ा  धोखा  दिया  l  यदि  शक्कर  तुम्हारे  पास  नहीं  थी  तो  मुझे  निमंत्रण  ही  क्यों  दिया  l  "    पास   ही  एक  कुटिया  में  एक  संत  और  उनका  शिष्य  निवास  करते  थे  l  शिष्य  ने  पूछा  --- "  गुरुदेव  ! शक्कर  के  पहाड़  पर  घूमने  पर  भी  चींटी  को  शक्कर  का  पता  क्यों  नहीं  चला  ?  "  संत  बोले  ---- " वत्स  !  बात  यह  थी  कि   चींटी  अपने  मुंह  में  नमक  का  टुकड़ा  दाबे  हुए  थी  ,  इसी  से  उसे   शक्कर  की  मिठास  का   आभास  नहीं  हो  पाया  l  इसी  प्रकार  जो  लोग  अपने  पुराने  संस्कार  नहीं  बदलते  ,  आत्म शोधन  द्वारा  अपनी  बुराइयाँ  नहीं  हटाते  ,  परमात्मा  के  समीप  होते  हुए  भी  उनकी  कृपा  से  वंचित  हो  जाते  हैं  l  नया  पाने  के  लिए  पुराने  को   हटाने  का  नियम   अनिवार्य  और  अटल  है  l "

WISDOM -----

   तपस्वी  से  राहगीर  ने  पूछा  ---- " आप  इस  बियावान  में  अकेले  रहते  है  ,  आपको  भय  नहीं  लगता  ? "  तपस्वी  ने  उत्तर  दिया ---- "  नहीं ,  मैं  अकेला  नहीं  हूँ  ,  मेरे  साथ  परम  पिता  परमेश्वर  हैं  ,  माँ  जगन्माता  हैं  l   जो  श्रेष्ठ  विचारों  से  घिरे  हैं ,  अपने  लक्ष्य  के  प्रति  एकाग्र  हैं   और  ईश्वर  के  चिन्तन  में  निमग्न  हैं  ,  वे  भला  कब  और  कैसे  एकाकी  हो  सकते  हैं  ?  उनके  साथ  उनके  प्रभु  परमेश्वर  सदा  ही  रहते  हैं  l "