22 February 2021

WISDOM ----- कोरा उपदेश नहीं , पीड़ा निवारण जरुरी है l

   धर्म  प्रचार  के  लिए   भगवान  बुद्ध   परिव्राजकों  को  विदा  कर  रहे  थे   l  उन्होंने  अपने  शिष्य   कलंभन   से  कहा  --- ' वत्स  !  लोग  अज्ञानवश  कुरीतियों  में  जकड़े  हुए  हैं  l   जाओ  उन्हें  जाग्रति  का  सन्देश  दो  ,  इससे  बढ़कर  कोई  और  पुण्य  नहीं   l "    कलंभन   एक  सामान्य  आबादी  के  गाँव   पहुंचा  l   ग्रामीणों  ने  उसके  विश्राम  की  समुचित  व्यवस्था  कर  दी  l रात  बहुत  शांति   से बीती  l   सुबह   जब  वह  ध्यान - पूजन   समाप्त  कर  बाहर  निकला  ,  तब  तक  द्वार   ग्रामवासियों  की  भीड़  से   भर गया  था  l   गांव  वालों  के  चेहरे  बहुत  मलिन  थे  ,  कई  लोग  बीमार  थे  ,  कुपोषण  के  कारण  बच्चों  के  शरीर  सूखे  हुए  थे  ,  सब  ओर   गंदगी  थी  l   एक  वटवृक्ष  के  निकट  बैठकर  कलंभन   ने  उपदेश  देना  आरंभ   किया  l  ग्रामीणों  को  कुछ  समझ  में  नहीं  आया   l   धीरे - धीरे  भीड़  छटने  लगी  l   अब  उसकी  सभा  में  ग्रामीणों  का  आना  लगभग  समाप्त  हो  गया  l   इससे  वह  बड़ा  निराश  हुआ  और  उसने  भगवान  बुद्ध  से   कहा --- भगवन  !  उपदेश  कुछ  काम  न  आया  l कृपया  मार्गदर्शन  करें  l "  भगवान  बुद्ध  ने  अपने  शिष्य  सनातन  से  कहा ---- ' जाओ  उस  गाँव  में  शिक्षा  व  स्वास्थ्य   का  प्रबंध  करो  l  '  फिर  उन्होंने  शिष्यों  को  समझाया ---- ' इस  समय  ग्रामीणों  की  आवश्यकता  --- शिक्षा  और  स्वास्थ्य  है  l  अभी  उन्हें  जीवन  की  आशा  चाहिए  l   आज  जियेंगे  तो  कल  सुनेंगे  भी  l