पं. श्रीराम शर्मा आचार्य जी ने चेतना जगत में असंख्य प्रयोग किए और अपने निष्कर्षों को प्रकाशित - प्रतिपादित किया l वे अंतर्जगत के वैज्ञानिक हैं l अपने शिष्यों से बात करते हुए उन्होंने एक सत्य प्रतिपादित किया था ---- उनका कहना था --- ' वैज्ञानिक भी सही हैं , ज्योतिषी भी ठीक कह रहे हैं l दो देश झगड़ा करने के लिए आमने - सामने आ जाते हैं l ऐसा लगता है कि अब सब कुछ समाप्त हो जायेगा , पर अचानक ठीक समय में परिस्थितियाँ नया मोड़ ले लेती हैं और सब कुछ बदल जाता है l तमाम खतरों के बावजूद ऐसा कुछ होने वाला नहीं है l हिमालय पर निवास करने वाली महान आत्माओं का निश्चय है कि दुनिया अभी नष्ट नहीं होगी l आज के संभावित खतरे कितने ही सच क्यों न हों , पर ये मिटेंगे l अँधेरा उजाले में बदलेगा l " आचार्य श्री कहते हैं ---- " समस्त सृष्टि एक विधि - व्यवस्था के तहत चलती है , जिसे कर्मफल विधान कहते हैं l मनुष्य ने कर्म तो ऐसे कर रखे हैं कि दुनिया में अगणित बार प्रलय हो जाये l वैज्ञानिक और ज्योतिषी भी ऐसे ही संकेत कर रहे हैं l पर नहीं , भगवान की कृपा और हिमालयवासी महान आत्माओं के तप से ही परिस्थितियों में ऐसे आश्चर्यजनक और अद्भुत मोड़ आते हैं l दुनिया में सुख - शांति स्थायी रहे , आने वाला उज्जवल भविष्य टिकाऊ रहे , इसके लिए इनसान को , समाज को , देश को और समूची दुनिया को अपनी जीवन शैली बदलनी होगी l