29 September 2019

WISDOM -----

  एक  राजा  अत्यंत  दयालु  एवं  धर्मात्मा  था  ,  किन्तु  उसका  पुत्र  अत्यंत  दुष्ट  स्वभाव  का  था  l  राजा  ने  उसे  सुधारने  का  बहुत  प्रयत्न  किया  ,  परन्तु  सारे  प्रयत्न  विफल  ही  सिद्ध  हुए   l  सभी  उससे परेशान  रहते  थे  l  कुलगुरु  को  जब  इस  सन्दर्भ  में  ज्ञात  हुआ   तो  वे  राजकुमार  से  मिलने  गए  l  वे  उसे  राजभवन  में  घुमाते  हुए  एक  नीम  के  वृक्ष  के  पास  ले  गए   और  उसका  एक  पत्ता  तोड़कर  राजकुमार  को  चखने  को  दिया   l  पत्ता  चखने  पर  राजकुमार  का  मुंह  कडुआहट   से  भर  गया  l  उसने  कुलगुरु  से  तो  कुछ  नहीं  कहा  ,  परन्तु  उसने  क्रोधित  होते  हुए    सेवकों  को  बुलवाकर   उन्हें  आदेश  दिया  कि  वे  उस  पेड़  को  जड़  से  उखाड़  डालें  l
कुलगुरु  ने  पूछा ---- " उसने  ऐसा क्यों  किया   ? "  राजकुमार ने  उत्तर  दिया  ---- " गुरुवर  !  यह  पेड़  इतना  कडुआ  है  ,  इसका  कडुआपन  अनेकों  तक  पहुँचता  ,  इसलिए  मैंने  इसे  सदा  के  लिए  नष्ट  कर  दिया  l   कुलगुरु  बोले  ---- वत्स  !  जो  प्रजा  तुम्हारे  व्यवहार  के   कड़वे पन  से  दुःखी   है  ,  यदि  वह  भी  प्रत्युत्तर  में  ऐसा  ही  व्यवहार  तुम्हारे   साथ  करे  तो  तुम्हे  कैसा  लगेगा   ? "  राजकुमार  को  अपनी  भूल  का  एहसास  हुआ   और  उसने  अपना  व्यवहार  सदा  के  लिए  बदल  दिया  l