8 April 2021

WISDOM ------

 पं. श्रीराम  शर्मा  आचार्य जी   ने  लिखा  है ---- " सच्ची  राजनीति   वही  है    जिसमे  दुष्टों  के  दमन  के  साथ - साथ   शिष्टों  के   रक्षण  और  पालन  का   पूरा -पूरा  ध्यान    रखा  जाए  l  ' महात्मा  ईसा  ने  भी  लिखा  है ----  जो  तलवार  की  धार   पर     रहते  हैं  ,उनका  अंत  भी  तलवार    से  ही  होता  है   l  "  समर्थ  गुरु  रामदास  ने   अपने  अनुयायिओं  को   उस  राजनीति   की  शिक्षा  दी  जो   विवेक ,   सूझबूझ  और  सावधानी  पर  आधारित  होती  है   l   उनका  कहना  था  कि ---- ' सांसारिक  व्यवहार  में  भी  हमको  अकारण  किसी  का  अहित  नहीं  करना  चाहिए  ,   यथासंभव समझौते   तथा  मेलमिलाप  की  नीति   से  ही  काम  लेना  चाहिए   l   लड़ना  तभी  चाहिए  जब  कोई  नीच   या  स्वार्थी  व्यक्ति   दुष्टता  करने  पर  उतारू  हो   l  "  श्री  समर्थ  के  सभी  विचार   उनके   ग्रन्थ  ' दासबोध ' में  हैं  ,  उनका  कहना  था  ---- "  हमें  दूसरों  के  मन  की  बात  को   समझना  चाहिए   l   सदैव  किसी  के  अवगुणो  को  कहते  रहना  अच्छा  काम  नहीं  है  l   छत्रपति  शिवाजी   महाराज  ने  इसी  नीति   पर  चलकर   महाराष्ट्र  में   अद्भुत  एकता   और   संगठन शक्ति  उत्पन्न  कर  दी    और  औरंगजेब  जैसे  साम्राज्यवादी    के  छक्के  छुड़ा  दिए   l