17 May 2022

WISDOM ----

   श्रीमद भगवद्गीता   में  कहा    गया  है  --- ज्ञान , कर्म  और  भक्ति  का  समुच्चय  जीवन  के  समग्र  विकास  के  लिए    अनिवार्य  है   l    लेकिन  वर्तमान  समय  में    लोग  स्वयं   को  धार्मिक   और   ईश्वर  का  भक्त  कहलाने  का  केवल  दिखावा  करते  हैं   l  यही  कारण  है  कि   संसार  में  इतनी  अशांति   और  तनाव  है  l   पं . श्रीराम  शर्मा  आचार्य जी  लिखते  हैं  ---- व्यक्तित्व  का  और  विचारों  का  परिष्कार  अनिवार्य  है   l  अपने  अवगुणों  को  दूर  करो  और  सद्गुणों  को    अपनाओ  l   बाहरी  जगत  में  जितनी  भी  समस्याएं  हैं   उनका  कारण  मनुष्य  के  भीतर  छिपे  दुर्गुण  ही  है   l