हम हमेशा समस्याओं पर चर्चा न कर के समाधान खोजें l विज्ञानं ने हमें जितना सुख नहीं दिया उतना दुःखी कर दिया l सम्पूर्ण मानव समुदाय को मृत्यु के मुख में धकेल दिया l तनावग्रस्त जीवन जीने और उससे उत्पन्न समस्याओं से जूझने को विवश कर दिया l समाधान के लिए सबका मुँह ताकने से बेहतर है कि जो कुछ हमारे वश में है हम वह करें l अंधकार को मिटाने के लिए एक दिया जलाएं l सर्वप्रथम हम विज्ञानं द्वारा दी गई सुविधाओं को अलविदा कहें l फ्रिज , ए.सी. को विदा करें l जब अंग्रेजी दवाइयाँ , इंजेक्शन आदि नहीं थे तब लोग प्रकृति के संरक्षण में रहते थे और बहुत स्वस्थ थे l महाराणा प्रताप का कवच , भाले आदि शस्त्र इस बात के प्रत्यक्ष प्रमाण हैं l हम प्रकृति पर और आयुर्वेद पर निर्भर रहें , इसके कोई साइड इफेक्ट नहीं होते l जिन दवाइयों और इंजेक्शन के पीछे लोग भाग रहे हैं , वे शरीर को बीमारियों का घर बना देते हैं l कैसी विडंबना है मनुष्य अपने शरीर को खोखला कर के इस दवाई बनाने वालों को अरबपति बना देता है l यही दुर्बुद्धि है l
1 May 2021
WISDOM ------
पं. श्रीराम शर्मा आचार्य जी ने लिखा है --- " बुद्धिजीवी विचारशील वर्ग पर भगवान ने समाज रूपी बगिया के माली का भार सौंपा है l यदि वह अपनी जिम्मेदारी को निभाने में प्रमाद करते हैं तो किसी न किसी समय , किसी न किसी तरह उन्हें इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा l " आचार्य श्री का कहना है --- आज के युग की सभी समस्याओं का एकमात्र हल ' सद्बुद्धि ' है l समय कितना बदल गया , बीमारी , महामारी पहले भी संसार में थीं लेकिन पहले किसी ने घोषणा नहीं की थी कि ' हैजा आने वाला है ' अब ' प्लेग आने वाला है ' l ' हैजा , प्लेग या चेचक की दूसरी , तीसरी लहर आने वाली है ' l ये सब बीमारी अचानक बिना घोषणा के होती थीं और साधन - सुविधाओं की कमी के कारण इनका रूप विकराल हो जाता था l अब माना विज्ञान ने बहुत तरक्की कर ली है , यदि वैज्ञानिक , किसी महामारी की घोषणा करते हैं कि अब इसकी दूसरी या तीसरी लहर आएगी तो इसका अर्थ है कि वे सम्मानित जन इसका कारण भी जानते हैं कि उनके किन्ही प्रयोगों , कोई नई तकनीक की टेस्टिंग आदि किन्ही कारणों से धरती और आकाश में कोई ऐसा कम्पन हो रहा है जिससे वातावरण जहरीला हो गया है l कभी - कभी स्वार्थ , शक्तिशाली लोगों का दबाव या कोई मज़बूरी बड़े - बड़े समर्थ लोगों को भी गलत दिशा में चलने को विवश कर देती है और ऐसे में वे अपना ही नहीं सम्पूर्ण मानव जाति के अस्तित्व को दांव पर लगा देते हैं l हम सम्पूर्ण संसार के लिए ईश्वर से सद्बुद्धि के लिए प्रार्थना करें कि महामारी के इलाज से पहले उसके कारण को समाप्त करें l