विचार और भावनात्मक क्षेत्र की विकृतियाँ अनेक शारीरिक और मानसिक बीमारियों को जन्म देती हैं l विकृत चिंतन के ही कारण व्यक्ति अनैतिम आचरण करता है और पापकर्म में संलग्न होता है और यही रोगों की उत्पति का मूल कारण है l