20 March 2022

WISDOM ------

   आज  संसार  में  युद्ध ,  महामारी ,  प्राकृतिक  आपदाएँ   हैं  ,  इन   समस्याओं   को  पहले  ही  भांपते  हुए  ,  मानव  की  व्यथा  को  जानते  हुए  भगवान  बुद्ध  ने  मानव  जाति   को  चेताया  था   कि   यदि  बुद्धि  को  शुद्ध  न  किया  गया  तो   परिणाम  भयावह  होंगे  l   उन्होंने  कहा  था ---- ' बुद्धि  के  दो  ही  रूप  संभव  हैं --- 1. कुटिल   और  2. करुण  l   बुद्धि  यदि  कुसंस्कारों  में  लिपटी  है  ,  स्वार्थ  के  मोहपाश  एवं  अहं   के   उन्माद  से  पीड़ित  है   तो  उससे  केवल  कुटिलता  ही  निकलेगी  ,  परन्तु   इसे  यदि  शुद्ध  किया  जा  सका   तो   इसी  कीचड़  में   करुणा   के   फूल  खिल  सकते  हैं  l   बुद्धि  अपनी  अशुद्ध  दशा  में   इनसान   को  शैतान  बनाती   है   तो  इसकी  परम  पवित्र  शुद्ध  दशा  में  इनसान   बुद्ध  बनता  है  ,   उसमें   भगवत्ता    अवतरित  होती  है   l  वह  संवेदनशील  होता  है   l   संवेदना  की  आज  संसार  को  सबसे   ज्यादा  जरुरत  है  l  पं. श्रीराम  शर्मा  आचार्य जी  लिखते  हैं  ---- वर्तमान  समाज  में   शैतानियत  को  अत्याधिक  प्रतिष्ठा  दी  गई  है  l   इसे  स्टेटस  सिंबल   के  रूप  में परोसा  जा  रहा  है  l   मन  के  अंदर  के  शैतान  को   उभारने  एवं  बढ़ाने   के  लिए   समाज  में  तमाम  चीजें  विद्यमान  हैं   l   विष  को  अमृत  का  सम्मान  मिल  गया  है   l   शैतान  साधुवेश  में   स्वच्छंद  रूप  से  विचरण  कर  रहा  है   l   विचारों  एवं  भावनाओं  को  कलुषित  कर  के   इसे  अपराधी  बनाने  के  लिए  कोई   कसर    नहीं  छोड़ी  जा  रही  है   l   सिनेमा  के  हिंसक  दृश्य  अंदर  के  शैतान  को  पोषण  प्रदान  करते  हैं   और  ये  दृश्य  कई  बड़े  अपराधों   का  कारण  बनते  हैं  l  "