30 July 2023

WISDOM -----

    हमारे  महाकाव्य  जिस  युग  में  भी  लिखे  गए  हों  ,  वे   हर  युग  की  समस्याओं  के  अनुरूप  मार्गदर्शक  हैं  l  उनमे  हर  समस्या  का  समाधान  है  l  लेकिन  कलियुग  में  लोगों  में  विवेक  या  सद्बुद्धि  का  अभाव  होता  है   इसलिए   वो  इनसे  प्रेरणा  लेना  ही  नहीं  चाहते  l  महर्षि   को  पता  था  कि  कलियुग  में  धर्म  और  जाति  के  नाम  पर   बहुत  दंगे  होंगे   , ये  मनुष्य  की  स्वार्थ  पूर्ति  का  साधन  होंगे  l  उन्हें  यह  भी  पता  था  कि  कलियुग  में  भगवान  राम  बहुतों  के  आदर्श  होंगे  ,   उनकी   पूजा  करेंगे   इसलिए  उन्होंने  बताया  कि  भगवान  राम  ने  शबरी  के  झूठे  बेर  खाए , निषादराज  से  मित्रता  की  l  ईश्वर  की  निगाह  में  कोई  ऊँच -नीच  नहीं  है  l  लेकिन  कलियुग  में  केवल   लोग   चाहे  किसी  भी  धर्म  के  हों  वे  केवल  कर्मकांड  करते  हैं   ,  अपने  धर्म  की  शिक्षाओं  पर  कोई  आचरण  नहीं  करता  l   रामायण  से  एक  और  सत्य   सामने  आता  ही  कि  अत्याचारी , अन्यायी  से   सब  लोग  डरते  तो  हैं  ,  लेकिन  उन्हें  अपने  सुख  वैभव  की  बड़ी  तीव्र  लालसा  होती  है   इसलिए   वे  अत्याचार , अन्याय  को  देखते  हुए  भी  अपना  मुंह  , आंख  बंद  रखते   हैं  l  केवल  विभीषण  ने  ही   उस  सुख  वैभव  का  त्याग  किया  l  भगवान  राम  का  साथ  तो  मानव  समाज  में  से  किसी  ने  नहीं  दिया , वे  वनवासी  थे   l  उन्होंने  रीछ  , वानरों  की  मदद  से  लंका  पर  विजय  प्राप्त  की  l  रावण  का  आतंक  तो  दसों  दिशाओं  में   था  , वह  स्वयं   राक्षसों  को  भेजता  था  कि   जाओ  , ऋषियों  के  हवन , यज्ञ   और  सत्कार्यों  को  नष्ट  करो , अत्याचार  कर  के  भय  का  वातावरण  बनाओ   जिससे  सब  नियंत्रण  में  रहें  l