28 January 2022

WISDOM ----

   पं. श्रीराम  शर्मा  आचार्य जी  लिखते  हैं  ---- "  महानता    हर  किसी  व्यक्ति  के  अंदर  नहीं  होती  ,  लेकिन  इसे  हासिल   किया जा  सकता  है   l   महानता  को  हासिल  करने  के  लिए  यह  जरुरी  है   कि   हमें  अपनी   उन  भूलों  पर  लगाम  कसनी  होगी  ,  जो  आत्मविकास  में  बाधक  हैं   l   महानता  की  राह  पर  चलने  वाले  व्यक्ति   अन्याय   और शोषण   को सहते  नहीं   हैं , बल्कि  उसके  विरुद्ध  लड़ते  हैं   l   उनमे  संवेदना  होती  है  इस  कारण  वे  दूसरों  के  सुख - दुःख    को  अपना  सुख - दुःख  मानते  हैं  l "       पुराणों  में  महापुरुषों  के  विशिष्ट  गुणों  का  उल्लेख  है   जैसे --- जो   कर्मनिष्ठ हैं ,  ईर्ष्या , डाह , निंदा ,  आलोचना  से  दूर  रहते  हैं   l   सम्पूर्ण  मानव  जाति   के  प्रति  सद्व्यवहार  करते  हैं ,  किसी  को  हीन   नहीं  समझते  हैं   l   विपत्ति  में  धैर्य , उत्कर्ष  में  विनम्रता , सत्यवादिता ,  आत्मबल    महापुरुषों  के  स्वाभाविक   गुण   हैं   l     महात्मा  गाँधी  का  व्यक्तित्व  आत्मशक्ति  से  संपन्न  था   l   उनकी  अहिंसा  की  शक्ति   के  समक्ष   अंग्रेजों को  झुकना  पड़ा   l  जब  उनकी  मृत्यु  हुई  ,  तब  उनके  पास  से  जो  सामग्री  मिली   उसमे  उनका  चश्मा ,  दो  जोड़ी  चप्पलें  ,  एक चरखा , एक  घड़ी  और  कुछ  अन्य  सामान्य  चीजें  मिलीं   l   उनके  पास  जो  बहुमूल्य  चीज  थी  वह  थी    उनकी  आत्मशक्ति