21 May 2020

WISDOM ------

     देवी  लक्ष्मी  और  माँ  सरस्वती  के  मध्य  संवाद  चल  रहा  था   l   लक्ष्मी जी  बोलीं --- " बहन  सरस्वती  !  देखो  , सुयोग्य  विद्वान्   भी  मेरे  द्वार  पर   नित्य  प्रति   धन  की  आशा  में  खड़े  रहते  हैं  l  "
  सरस्वती जी  बोलीं ---- " बहन  !  इसके  साथ  यह  भी  सत्य  है   कि   व्यक्ति  बहुत  धनी   हो  ,  परन्तु  अज्ञानी  हो   तो  पशु  तुल्य   ही  है  l  "  ब्रह्मा जी  दोनों  की  बातें  सुन  रहे  थे  l   वे  दोनों  को  संबोधित   करते  हुए  बोले ---- " देवियों  !  आप  दोनों  की  ही  बातें  सत्य  है   l   यदि  आप  दोनों  द्वारा  दिए  गए  गुणों  के  साथ   विवेक  और  जुड़  जाये   तो  मनुष्य  का  जीवन  संपूर्ण   हो  जाता  है  l  "
        धन   और  ज्ञान   के  साथ  विवेक  जरुरी  है   l   आज  सारे   संसार  में  दुर्बुद्धि  का  प्रकोप  है  l    धनी   अपने  धन  का  उपयोग  ,   अपने  खजाने  को  और  बढ़ाने  के  लिए  ही  करता  है  l   उसका  प्रयास  यही  रहता   है  कि   अपने  धन  से   सबका  मुँह   बंद  कर  के   हर  वह  कार्य  कर  ले  जिससे  उसका  खजाना  बढ़  जाये  ,  वह  अरब  से  खरबपति ---- और ---और  --- बढ़ता  ही  जाये  ,  फिर  जनता   जिए  या  मरे  ,  उसका  खजाना  बढ़ना  चाहिए  l
  इसी  तरह   यदि  ज्ञान  के  साथ  विवेक  नहीं  है    तो  वह  संसार  के  लिए  घातक  है   जैसे  विज्ञान  ने  संसार  को    अनगिनत    सुख  - सुविधाएँ  दीं ,   लेकिन   विवेक  और  संवेदना  न  होने  के  कारण   संसार  को  परमाणु   बम ,  घातक  हथियार   दिए  l   रासायनिक  खाद ,   रासायनिक  उर्वरक ,  वैज्ञानिक  तरीके  से  तैयार  किये  गए  बीज ,   जिनसे  तैयार   फल , अनाज  शरीर  को  बीमार  कर  दे l   ऐसी  दवाएं   जिनके  रिएक्शन  हो  जाएँ  l   एक  से  बढ़कर  एक  नई  बीमारियां    सब  विज्ञान   ने  ही  दीं   हैं   l   ऐसे  जीवन  में   बीमारी   होने   या  बीमारी  का  भय  होने  से  मनुष्य  के  जीवन  की  उमंग  खत्म   हो  जाती  है  l
 धन  और  ज्ञान  के  साथ  विवेक  न  होने  से  कला , साहित्य  आदि  हर  क्षेत्र   अपने  मूल्य  को  खो  देता  है   और  इन  सबके  नीचे  पिसती   जनता   की  यदि  चेतना  जाग्रत  नहीं  है  ,   तो  वह  भी  चलती - फिरती  लाश  बन  जाती  है   l