24 September 2020

WISDOM ----- मनुष्य ऐसा अहंकारी है , जिसने स्वयं अपने विनाश की विधियों की खोज की है

      छोटे - छोटे  जीव - जंतु  भी  अपने  जीवन  को  सहज - सरल  व  सुखद  बनाने  के  लिए   अनेकों  विधियाँ   ढूंढते  हैं  l   चींटी , दीमक  , मधुमक्खी   जैसे  छोटे  जीवों  ने   न  जाने  कितने  युगों  पहले  से   समूह  में ,  सहयोग  - सहकार   से   रहना  सीख   लिया   लेकिन  मनुष्य  क्योंकि  बुद्धिमान  है , ज्ञानी  है     इस काम  को  अभी  तक  नहीं  सीख   पाया  l   मनुष्य  में  स्वार्थ , अहंकार  , लालच  इतना  है   कि   वह   स्वयं अपनी  सामूहिकता   का  विनाश  कर  लेता  है  l   सामूहिक  भावना  के  विनाश  के  लिए  उसके  पास  अनेकों  तर्क  है   जैसे ---- भाषा , जाति , धर्म ,  क्षेत्रीयता  , ऊंच - नीच ,  काले - गोरे ---- ऐसे  विभिन्न  तर्कों  के  आधार  पर    मनुष्यों  ने  ही  अपनी  बुद्धि  का  दुरूपयोग  कर    समूह  भावना  का  विनाश   कर  लिया     अब    स्वार्थी  तत्व   इसी  फूट   का    लाभ  उठाते  हैं  l