7 July 2021

WISDOM ------ सामाजिक मूल्य एवं आदर्श श्रेष्ठ व्यक्तित्व संपन्न महान व्यक्तियों के माध्यम से ही सुरक्षित रहते हैं l

              वर्तमान  समय  में  श्रेष्ठ  व्यक्तित्व  संपन्न  मनीषियों    और   विचारकों   के   अभाव   के  कारण    समाज   रुग्ण   और   जर्जर   हो   चुका   है    यदि   वातावरण   मूल्यहीनता   रूपी  प्रदूषण   से  ओत - प्रोत   हो   तो  समाज  में   अनैतिक    और  स्वार्थी  व्यक्तियों    की  भरमार   होती  है   l   आज  स्वार्थ   सर्वोपरि   हो  गया  है   और  मूल्य , नीति , आदर्श   व  परम्पराएं    बीते  दिनों  की  बात  बन  गई  हैं   l   ऐसे  श्रीहीन    समाज  में  अनीति  , आतंक   और  अत्याचार  पनपते  हैं   l   समाज   में  शूरवीरों   की  संख्या  घटने  लगती  है   और   लोगों  में  कायरता  बढ़ने  लगती  है   l   इस  जर्जर  समाज  को   पुनर्जीवित   करने  के  लिए    समर्थ  मार्गदर्शकों   की  आवश्यकता   होती   है   l   पं. श्रीराम  शर्मा   आचार्य  जी  का  कहना  है   ----- "  आज  की  परिस्थितियां  बहुत  बदल  गईं   हैं  ,  सत्संग ,  उच्च  कोटि  के   सत्यवादी  ,  प्रखर   एवं  निस्पृह  व्यक्तित्व  के  धनी   बहुत  ही  कम  देखने  को  मिलते  हैं  ,  उनके  आचरण  में  वे    गुण    न  उतर  पाने  के  कारण    कोई  प्रभाव  जनमानस  पर   पड़ता  नहीं  देखा  जाता  l  इस  स्थिति  में  सामान्य  जनता  के   व्यक्तित्व  को  ऊँचा  उठाने   का  एकमात्र  उपाय  ,  महापुरुषों  के  संस्मरण  का  स्वाध्याय  ही  माना  जा  सकता  है   l   छोटे - छोटे  संस्मरण  पढ़ने  में  भी  सहज   होते  हैं    और  मर्मस्थल  को  स्पर्श  करते  हुए  जीवन  की  राह  बदल  देते  हैं    ' देखन  में  छोटे  लगें  ,  घाव  करें  गम्भीर  l  '