28 July 2020

WISDOM ---- संवेदना

  जिसके  हृदय  में  संवेदना  है  ,  वह  सब  के  दुःख , कष्ट  को  महसूस  करता  है   फिर  चाहे  वह  कोई  मनुष्य  हो , पेड़ - पौधे  हों  या  पशु - पक्षी  हों  l    --- एक  व्यक्ति  समुद्र  के  किनारे  लहरों  के  साथ  बहकर  आती   सीपों , मछलियों  को  उठा - उठाकर  पानी  में  फेंक  रहा  था  l   उसे  ऐसा  करते  हुए  एक  व्यक्ति  ने  देखा   तो  टोक  कर  कहा --- ' तुम्हारे  ऐसा  करने  से  क्या  फरक  पड़ेगा  ?  कल  दूसरे  हजारों  प्राणी  यहाँ  आकर  बह   लगेंगे  l '
  वह  व्यक्ति  बोला ---- " और  किसी   पर    फरक  न  भी  पड़े  ,  पर  जिस  एक  प्राणी  का  जीवन   ऐसा  करने  से  बचेगा  ,  उसके  जीवन  पर  तो  निश्चित  रूप  से  फरक  पड़ेगा   l  मैं  यह  कार्य  उस  छोटे  से  फरक  के  लिए  कर  रहा  हूँ  l "
  मनुष्य  में  सन्मार्ग  पर  चलने  की, सत्कर्म   करने  की    स्वाभाविक   प्रवृति  होती  है   लेकिन  लोभ - लालच  आदि  मानसिक  कमजोरियों  की  वजह  से    यह  प्रवृति  दब   जाती  है  , इस  पर  धूल  छा  जाती  है   और  वह   भ्रष्टाचार , बेईमानी   और    लोगों  का , प्रकृति  का   उत्पीड़न , शोषण    करने  लगता  है   l
  लेकिन  यह  सत्य  है  कि   छोटे - छोटे   शुभ  कार्य   ही  बड़े  प्रभावों  को  जन्म  देते  हैं  l   जब  व्यक्ति  किसी  को   सत्कर्म   करते  हुए  ,   जरूरतमंदों  की  मदद  करते  हुए  देखता  है    और  उसके  बदले    उसे   मिलने   वाले  प्यार  और  दुआओं    को  समझता है   तो  कहीं  न  कहीं  उसके  दिल  में  भी   परोपकार  करने  की  प्रवृति  जगती  है  l     बुराई  की  राह   पर  व्यक्ति  जल्दी   आगे  बढ़  जाता  है   क्योंकि  उसमे   तुरंत   लाभ  है   लेकिन  अच्छाई  की  राह  पर  आगे  बढ़ने  में  समय  लगता  है  l
 आज  संसार  को  संवेदना  के  वायरस  की  जरुरत  है  , जिस  दिन  यह  फ़ैल  गया  , उस  दिन  से  संसार  में  सुख - शांति  होगी   और  पशुता  की  ओर   बढ़  रहा  मनुष्य  सच्चा  इंसान  बनेगा  l