20 December 2020

WISDOM -------

  हिन्दुस्तान   की  धरती  पर  एक -से - बढ़कर  एक  वीरांगनाएं  हुईं  ,  एक  ऐसी  ही  वीरांगना  आज  से   लगभग  चार सौ   वर्ष  पहले  भी  हुई  थी   l   उस  समय  भी  सम्राट  अकबर  के  दबदबे   से  बड़े - बड़े  राजा  उसके  आधीन  हो  गए  थे   l   पर  उस  समय  नारी  होते  हुए  भी    रानी  दुर्गावती  ने   दिल्ली  सम्राट  की  विशाल  सेना  के  सामने  खड़े  होने  का  साहस  किया   और  उसे  दो  बार  पराजित  कर  के  ;पीछे  खदेड़  दिया  l  साम्राजयवाद  एक  प्रकार  का  अभिशाप  है  l   रानी  दुर्गावती   से   कभी  यह  आशंका  नहीं  हो  सकती  थी  कि   वे  अकबर  की  सल्तनत  पर   कभी  आक्रमण  करेंगी  l    लेकिन  धन  और  राज्य  की  लालसा  मनुष्य  को  न्याय - अन्याय  के  प्रति  अँधा  बना  देती  है  l    लोभ   उसकी आँखों   पर पट्टी  बाँध  देता  है  कि   उसे  सिवाय  अपनी  लालसापूर्ति  के   और  कोई  बात  दिखाई  नहीं  देती   l   फिर  स्त्री  पर  आक्रमण  करना  एक  प्रकार  से  कायरता  की  बात  समझी  जाती  है   l   इस  प्रकार  का  आचरण   मनुष्य  को  कभी  स्थायी   रूप  से   लाभदायक  नहीं  हो  सकता  l  रानी  दुर्गावती  पर  आक्रमण  करने  का  कोई   कारण  न  होते   हुए  भी   केवल  इस  भावना  से  चढ़  दौड़ना   कि   हमारी  शक्ति  और  साधनों  का   वह  मुकाबला  कर   ही  नहीं  सकेगी    तो  उसे  लूटा   क्यों   न जाये  ,  उच्चता  और  श्रेष्ठता    का  प्रमाण  नहीं  माना  जा  सकता   l