4 November 2018

WISDOM ----- भगवान राम के प्रति सच्ची श्रद्धा है तो उनके सद्गुणों को अपने जीवन में उतारें

 भगवान  राम , लक्ष्मण  एवं  सीताजी  ने  पिता  की आज्ञा  से   14 वर्ष  का   अरण्यवास  किया  l  निरंतर  तप  या अनीति  से  संघर्ष  करते  ही   जीवन  बीता   l  साधनहीन  थे , राजकुमार  होकर  भी  वल्कल  वस्त्र  में  अति  प्रसन्न  मन:स्थिति  में  रहते  थे  l  सम्राट  से  भी  ज्यादा  सुखी - संतुष्ट  थे  l
 एक  विलक्षण बात  है  कि  जब  वे  वन  में  तप  कर  रहे  थे ,  राक्षसों  का  संहार  कर  रहे  थे  ,  तब  उन  चौदह  वर्षों  में   पूरी  अयोध्या  के  परिजन  भी   धार्मिक  अनुष्ठानों  , जप - तप - व्रत  में  लीन  थे  l  इन  चौदह  वर्षों  में   किसी  भी  घर  में  एक  भी  संतान  नहीं  जन्मी   l  ऐसा  कठोर  तप  अयोध्यावासियों  ने   अपने  प्रभु  राम  के  लिए  किया   l     भगवान    लौटकर  आने  के  एक  वर्ष  बाद  घर - घर  में  किलकारियां    गूंजी   l   वाल्मीकि  रामायण  में  यह  प्रसंग    आता  है  कि  भरत    साथ   पूरी अयोध्या  ने  तप  किया  l