1 December 2020

WISDOM -----

   चलते - चलते  शाम  हो  गई  तो  गुरु  नानक जी   पास  के  गांव  में  एक  निर्धन  किसान  के  यहाँ  ठहर  गए   l   उस  गाँव  के  सेठ  ने  यह  सुना  कि   आज  रात्रि  को  गुरु  नानक  यहीं  विश्राम  कर  रहे   हैं   तो  वह  भी  उनके  दर्शन  के  लिए  गया  l   उस  समय  नानक  भोजन  कर  रहे  थे  l   भोजन  में   सूखी   रोटी  और  दाल  थी  l   ऐसा  रुखा - सूखा  भोजन   करते  हुए  नानक  को  देखा    तो  उस  सेठ  को   बड़ा  बुरा  लगा  l   उसने  कहा ---" आप  ऐसा  भोजन  क्यों  कर   रहे  हैं  ?  इस  गाँव  में  तो  जो  भी  कोई  संत  महात्मा  आता   है ,  वह  मेरे  यहाँ  ही  ठहरता  है  l   भगवान  की  कृपा  से  मेरे  यहाँ  कोई  कमी  नहीं  है  l   मेरा  आपसे  निवेदन  कि   आप  भी  मेरे  यहाँ   चलकर  ही  निवास  करिए l  "   नानक  ने  बड़ी  शांति  से  उत्तर  दिया  --- " महोदय  !  मैं  तो  श्रम   की  कमाई  से  उत्पन्न  अमृत  खा  रहा  हूँ   l   निर्धन  व्यक्तियों  के  शोषण  से  बने  पकवान  मुझे  पसंद  नहीं  हैं  l  "