मदनमोहन नाम का एक नवयुवक आगरा के प्रसिद्ध कॉलेज में शिक्षा प्राप्त करने पहुंचा l उसने खाड़ी का धोती - कुरता पहना हुआ था व माथे पर तिलक लगा रखा था l वो दिन भारत की गुलामी के दिन थे l अत: शिक्षक ने उसकी इस वेशभूषा को देखकर उससे अंग्रेजी में पूछा ---- " तुम्हे ब्रिटिश वेशभूषा में कक्षा में आना चाहिए था l : यह सुनकर मदनमोहन ने शिक्षक से अंग्रेजी में ही प्रश्न किया ---- " मैं इस देश का वासी हूँ , फिर मैं अपने ही देश में भारतीय वेशभूषा में क्यों नहीं आ सकता ? " उसके इस प्रश्न का उत्तर शिक्षक` के पास नहीं था l उन्हें चुप होना पड़ा कालांतर में यही मदनमोहन स्वामी कृष्णबोधानंद के नाम से विख्यात हुए l इन्होने 1942 में सम्पूर्ण भारत में स्वदेशी चलाने की प्रेरणा दी l