8 January 2024

WISDOM ------

 हमारे  धर्म ग्रन्थ  हमें  बहुत  कुछ  सिखाते  हैं  l  आज  संसार  में  इतना  पाप , अत्याचार  क्यों  बढ़  रहा  है  ?  इसका  सबसे  बड़ा  कारण  है   कि  व्यक्ति  बड़े -बड़े  अपराध  करता  है , मर्यादाहीन  और  अनैतिक  आचरण  करता  है   और  शक्तिशाली  लोगों  का  आश्रय  पाकर  दंड  से  बच  जाता  है  l  कभी  आत्म समर्पण  कर  दिया  जैसे  डाकुओं  ने  समर्पण  किया  था  , कभी  परिवार  में  इज्जत  बचाए  रखने  के  लिए   लोग  मुंह  बंद  करा  देते  हैं ,  कभी  समाज  अपने  फायदे  और  बड़े  लाभ  के  लिए  अपराधियों  की  शरण  लेते  हैं  ----- ऐसे  अनेक  तर्क  हैं  जिनकी  वजह  से  संसार  में  क्षमा  की  बड़ी  व्यवस्था  है  l  पं . श्रीराम  शर्मा  आचार्य जी  लिखते  हैं  --- ' क्षमा  मिल  जाएगी  '   इससे  अनेक  लोग  अपराध   करने  की  दिशा  में  प्रेरित  होते  हैं  l ' बड़े  की  आड़  में  अनेक  लोग   जिनकी  व्यक्तिगत  कोई  मजबूती  नहीं  है  , वे  भी  अपराध  करने  लगते  हैं  l  संचार  के  साधनों  का  इतना  विस्तार  हो  जाने  से  अपराध  का  भी  वैश्वीकरण  हो  गया  है  l  धर्मग्रन्थ  हमें  शिक्षा  तो  देते  हैं  लेकिन  उन  शिक्षा  के  अनुसार  आचरण  करने  वाला  चाहिए  l    रामायण  में  प्रसंग  है  --जब  राम -रावण  युद्ध  समाप्त  हो  गया   तब  माँ  सीता  से  पूछा  गया  कि  अशोक  वाटिका  में  जिन  राक्षसियों  ने  उन्हें  डराया -धमकाया  उन्हें  क्या  सजा  दी  जाये   ?   तब  सीताजी  ने  कहा  --- ये  तो  रावण  के  आदेश  पर  यह  सब  कर  रहीं  थीं  ,  उन्हें   व्यक्तिगत  रूप  से  कोई  दुश्मनी  नहीं  थी  ,  इसलिए  इन्हें  क्षमा  कर  दो  l   लेकिन  माता  सीता  ने  रावण  को  उसके  मर्यादाहीन  आचरण  के  कारण  कभी  क्षमा  नहीं  किया  ,  उसकी  ओर  आँख  उठाकर  भी  नहीं  देखा  l  इसलिए  रावण  का  अंत  हुआ  l   महाभारत  में   द्रोपदी  ने  दुर्योधन , दु: शासन  को  क्षमा  नहीं  किया   l  स्वयं  भगवान  श्रीकृष्ण  ने   कंस  को  क्षमा  नहीं  किया  उसका  वध  किया  l  अश्वत्थामा  को  उसके  जघन्य  अपराध  के  लिए   उसे   दंड  दिया   , भीम  से  कहा  --इसके  मस्तक  की  मणि  निकाल  लो  ,  इस  घाव  को  लिए  यह  युगों  तक   भटकेगा  l  जब    कानून  का  भय  होगा , कठोर  दंड  होगा , समाज  और  परिवार  अपराधियों  को  बहिष्कृत  करेंगे    तभी  संसार  में  शांति होगी  l