11 January 2022

WISDOM -----

  पं. श्रीराम  शर्मा  आचार्य जी  ने  अपने  विचारों  से  ,  लघु  कथाओं  के  माध्यम  से  हमें  जीवन  जीने  की  कला  सिखाई  है  l    इस  कला  की  थोड़ी  भी  समझ  आ  जाने  से   हम  कैसी  भी  परिस्थिति  हो   तनाव रहित  और  सुकून  की  जिंदगी  जी  सकते  हैं  ------   ' एक  भेड़िया  बहुत  दुष्ट  स्वभाव   का  था   l  भलमनसाहत  उसे  आती   ही   न  थी  l   वह  सभी  से  वैर  भाव  रखता  था  l   एक  दिन  भेड़िये  के  गले  में   किसी  जानवर  की  हड्डी  अटक  गई   l   दम   घुटने  लगा  ,  प्राण  निकलने  लगे   तो  दौड़कर  सारस   के  पास  पहुंचा   और  बोला  ---- तुम्हारा   अहसान  मैं  कभी  नहीं  भूलूंगा  , तुम्हारी  मदद  करूँगा  ,  तुम  अपनी  लम्बी  चोंच  से   मेरे  गले  में  फँसी   हड्डी  निकल  दो  l   सारस  को  दया  आ  गई  ,  उसने  वैसा  ही  किया   और  हड्डी  निकाल  दी   l   बहुत   दिन बाद  सारस  को  कुछ  काम  पड़ा  ,  वह  सहायता  के  लिए  भेड़िये  के  पास  गया    l   भेड़िये  के  मना  करने  पर  उसने   पिछले    अहसान  और  उसके  वायदे  की  याद  दिलाई  l   भेड़िये  ने  कुटिलता  से  कहा ---- " तुम्हारी  गर्दन  मेरे  मुँह   में  जाने  के  बाद  भी   साबुत  निकल  आई  ,  वही  अहसान  क्या  कम  था  ?  "  सारस  ने    अपने  परिवार  के   सभी  लोगों  को   बुलाकर  समझाया   कि   दुष्ट  की   सहायता  करके   उससे  किसी   प्रकार  के   सद्व्यवहार   की  आशा  नहीं  करनी  चाहिए   l    दुष्ट  के  साथ   न  तो  मित्रता  रखनी  चाहिए   और  न  ही  उससे  दुश्मनी  मोल  लेनी  चाहिए  l   उससे  तो  दूर  रहे  l