21 June 2018

WISDOM ------

  अंगुलिमाल  कुख्यात  डाकू  था   l  उसने  भगवान  बुद्ध  के  सामीप्य  को  पा  कर  भिक्षु  धर्म  ग्रहण  कर  लिया  l  बुद्ध  ने  उसे  प्रव्रज्या  पर  भेजा  l  जब  वो  भिक्षा  मांगने  पहुंचा   तो  गाँव  के  लोगों  ने  उसे  पहचान  कर   उस  पर  पत्थरों  की  बरसात  शुरू  कर  दी   l   अंगुलिमाल  बुरी  तरह  घायल  होकर   आश्रम  लौटा   l  बुद्ध  उसकी  स्थिति  देखकर  बोले  --- " वत्स  !  ये  ठीक  है  कि  अब  तुम  अहिंसा  के  पथ  को   स्वीकार  कर  चुके  हो  ,   पर  हिंसा  को  उद्दत      अन्य    व्यक्तियों  से    रक्षार्थ  तुम   अपना  कठोर  स्वरुप   तो  कर  सकते  थे   l  यदि  तुम  केवल    क्रुद्ध    आँखों   से  उन्हें  देख  लेते  तो  तुम्हारी  ये  दशा  नहीं  होती  l " 
  अंगुलिमाल   बोला  ----- " प्रभु  मैं  ये  सोच  कर  कुछ  नहीं  बोला   कि  कल   मैं  बेहोश  था ,  आज  ये  बेहोश  हैं  l  कौन  किससे  किसकी  रक्षा  करे   ?  "