3 November 2018

WISDOM ----- अहंकार का नाश होना ही एकमात्र सच्चाई है

 अहंकार  एक  भ्रम  है  ,  जो  व्यक्ति  के  अन्दर  तब  उत्पन्न होता  है    जब  वह  स्वयं  को    शक्तिमान  समझने  लगता  है   l  व्यक्ति  को  आगे  बढ़ाने  वाली  शक्ति  व  प्रेरणा  उसे   परमात्मा  की  कृपा  से  मिलती  है  ,  लेकिन  जब  व्यक्ति  सफल  होता  है   तो  वह  परमात्मा  को   धन्यवाद  देना  भूल  जाता  है   और  यह  सोचता  है   कि  उसी  ने  सब  कुछ  किया  है   l  अहंकारी  व्यक्ति  परमात्मा से   दूर  हो  जाता  है  l
वह  यह  मानने  लगता  है  कि  यह  दुनिया उसी  के  ईशारों   पर  चल  रही  को  l
  इतिहास  में  अनेकों  व्यक्ति  हुए  ,  को  बहुत  अहंकारी  थे   पर  आज उसका अस्तित्व नहीं   है  l  जसे  रावण , कंस  ,  सिकंदर , हिटलर   आदि  सभी  की  दुर्गति हुई   l  अहंकार  व्यक्ति  की  क्षमताओं  को  कम  करता  है ,  उसे  कहीं  का  नहीं  छोड़ता  है   l  

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