अधर्म की शक्तियाँ ---असुर , दानव , दैत्य , राक्षस सभी रावण के नेतृत्व में संगठित और व्यूहबद्ध थे l रावण के पास शस्त्रबल , शास्त्रबल, बुद्धिबल , तपोबल था l यहाँ तक कि देवी निकुम्भिला के साथ महादेव व ब्रह्मदेव के वरदान भी उसकी रक्षा कर रहे थे l वह महान विद्वान् था , उसका राजनीतिक कौशल भी अकाट्य था l इन सब बलों के होते हुए भी उसके पास एक बल की कमी थी , और वह था ---- धर्मबल l इस बल के बिना वह बलहीन था l इसके साथ ही वह अहंकारी था , उसने छल से सीताजी का अपहरण किया था l
भगवान श्रीराम की शक्ति का स्रोत धर्म था , उनकी क्षमता अनंत थी l धर्म की सारी शक्तियां भगवान श्रीराम के नेतृत्व में संगठित हुई स्वयं देवी ने श्रीराम को विजयी होने का आशीर्वाद दिया l रावण ने भी शक्ति - पूजा की , देवी ने उसे ' कल्याण हो ' का आशीर्वाद दिया l रावण का कल्याण भगवान के हाथों मिट जाने में ही था l
भगवान श्रीराम की शक्ति का स्रोत धर्म था , उनकी क्षमता अनंत थी l धर्म की सारी शक्तियां भगवान श्रीराम के नेतृत्व में संगठित हुई स्वयं देवी ने श्रीराम को विजयी होने का आशीर्वाद दिया l रावण ने भी शक्ति - पूजा की , देवी ने उसे ' कल्याण हो ' का आशीर्वाद दिया l रावण का कल्याण भगवान के हाथों मिट जाने में ही था l
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