30 September 2020

WISDOM -----

   गुरु  नानक  प्रव्रज्या  पर  थे   l   मुखमण्डल  का  तेज  छिपाने  के  लिए  उनने  चेहरा  ढँक  लिया  एवं   कुछ  फटे - पुराने  कपड़े   पहन  लिए  l   सिपाहियों  ने  उन्हें  बेगार  में  पकड़कर  सेनापति  के  सम्मुख  प्रस्तुत  किया  l   वह  उनका  तेज  देखकर  उन्हें  बाबर  के  पास  ले  गया  l   बाबर  समझ  गया  कि   यह  खुदापरस्त  फकीर   है  l   कहीं  कोई  बददुआ   न  दे   दे  ,  यह  सोचकर  वह  उठा  और  आदरपूर्वक  उन्हें  गद्दी  दी  l   शाही  सम्मान  की  रीति   से  उन्हें  शराब  परोसी  गई  l   नानक  देव  बोले --- " बाबर  !  हमने  वह  आला  शराब  पी   है  ,  जिसका  नशा  जन्म - जन्मांतर  तक  नहीं  उतरता  l  "  बाबर  ने  शर्मिंदा  होकर  हीरे - जवाहरात  जड़े  कपड़े   मंगवाए  l   गुरु  नानक  ने  कहा ---' इन्हे  तू  गरीबों  में  बंटवा  दे  ,  जिनका  धन  चूस - चूसकर  तू  सम्राट  बना  है  l   मेरे  पास  तो  भगवान  के  नाम  का  धन  है  l   सारी   दौलत  मिटटी  है  l "  बाबर  ने  कहा --- ' मैं  आपकी  सेवा  कैसे  करूँ  ? '   इस  पर  नानक  देव  ने  कहा --- "  तेरे  यहाँ  जितने  कैदी   हैं ,  उन्हें  छोड़  दे   और  लूटपाट  बंद  करवा  दे  --- यही  हमारी  सबसे  बड़ी  सेवा  है  l '  बाबर  ने  तुरंत  आदेश  दिया  l 

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