लघु -कथा -----सज्जन होना ठीक है पर ऐसे लोगों की पहचान रखना भी उतनी ही बड़ी आवश्यकता है जो बेवजह दूसरों को कष्ट देते हैं l उनसे सतर्कता जरुरी है ------- एक हंस उड़ता हुआ अपने निवास स्थान की ओर जा रहा था l संध्या का समय था l उसने देखा एक चूहा ठंड से ठिठुरकर अर्द्धचेतन हो गया है l उसे देखकर हंस को दया आ गई l वह नीचे उतरा और अपने पंख फैलाकर चूहे को ढक लिया इससे उसकी सर्दी रुक गई और धीरे -धीरे चूहे के बदन में गर्मी आ गई l वह अपने आप को ठीक महसूस करने लगा l अब क्या था , वह अपने काम में लग गया और हंस के मुलायम परों को कुतर दिया l सबेरा हुआ , , हंस ने उड़ने की तैयारी की , किन्तु वह उड़ न सका , उसे बहुत दुःख हुआ लेकिन उसे यह समझ भी आया कि हमें हमेशा सतर्क और जागरूक रहना चाहिए l जब तक दूसरे पंख न उगे , उसे वहीँ घूम -फिर कर अपने दिन काटने पड़े l
दिशाओं में फैलने लगीं
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