5 September 2022

 स्व. राष्ट्रपति  डा. राधाकृष्णन जब  रूस  में  भारतीय  राजदूत  थे  और  मास्को  में  रहते  थे  ,  तब  एक  बार  उन्होंने  स्टालिन  से  कहा  था --- " भारत  के  महान  सम्राट  युद्ध  में  विजय  पाकर  भिक्षु  बन  गए  l  कौन  जाने  शायद  आप  भी  उसी  प्रशस्त  मार्ग  पर  चल  पड़ें  l "  स्टालिन  ने  उत्तर  दिया --- " हाँ , कई  बार चमत्कारी  घटनाएँ  भी  हो  जाती  हैं  l  ऐसा  चमत्कार  संभव  तो  है  ही  l "    रूस  से  विदा  लेते  हुए  डा. राधाकृष्णन  जब  स्टालिन  से  मिलने  गए  ,  तो  विदा  लेते  हुए  स्टालिन  के  सिर  पर  हाथ  रखा  ,  तो  भीगी  आँखों  से  विदा  देते  हुए  स्टालिन  ने  कहा ---- " आप  प्रथम  व्यक्ति  हैं  ,  जो  मुझसे  मानव  सा  व्यवहार  करते  हैं  ,  शेष  सब  राजदूत  तो  मुझे  दैत्य  मानकर   दूर  रहते  हैं  l  मुझे  अब  अधिक  दिन  नहीं  जीना  ,  ईश्वर  आपको  चिरायु  करे  l " इस  संवाद  के  छह  महीने  बाद   स्टालिन   ने  शरीर  छोड़  दिया  l  

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