राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी ने कहा था ----- ' अहिंसात्मक स्वराज्य की कुंजी आर्थिक समानता है l हमारा उद्देश्य देश के मुट्ठीभर धन - कुबेरों को नीचे लाना और करोड़ों भूखे - नंगों को ऊपर उठाना है l स्वतंत्र भारत में जबकि सबको समान अधिकार है , भव्य भवनों और गरीब मजदूरों की झोंपड़ियों का अन्तरएक दिन भी नहीं चल सकेगा l अगर जनहित के लिए स्वेच्छा पूर्वक उस वैभव , उस अधिकार का त्याग नहीं किया गया तो निश्चय ही एक दिन भयंकर हिंसात्मक क्रान्ति होकर रहेगी l "
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