28 April 2024

WISDOM ----

 लुकमान  जिस  नगर  में  रहते  थे  , वहीँ  एक  सेठ  भी  रहता  था  , जो  अपने  नौकरों  पर  सख्ती  के  लिए  मशहूर  था  l  उसका  एक  नौकर  जो  हकीम  लुकमान  के  ही  रंग रूप  का  था  , एक  दिन  भाग  खड़ा  हुआ  l  उसकी  खोज  करते  हुए   सेठ  की  भेंट   लुकमान  से  हो  गई  l  उसने  लुकमान  को  ही  नौकर  समझकर  पकड़  लिया   और  घर  लाकर  काम  पर  लगा  लिया  l  लुकमान  ने  भी  कोई  प्रतिरोध  नहीं  किया   और  मेहनत  से  काम  में  जुट  गए   l  एक   वर्ष  में  मकान  बन  गया  ,  तब  एकाएक   वह  पुराना  नौकर  भी  उपस्थित  हुआ   और  अपनी  भूल  के  लिए  सेठ  से  क्षमा  याचना  करने  लगा  l  सेठ  वह  बात  तो  भूल  गया  ,  उसे  यह  चिंता   छा  गई  कि   धोखे  से  किसे  पकड़  लिया  l  वह  लुकमान  के  पास  गया   और  बोला  ---- " सच -सच   कहिए  आप  कौन  हैं  ?  मुझसे  बड़ी  गलती  हो  गई  l " लुकमान  ने  हंसकर  कहा ---- " हकीम  लुकमान  l    अब  जो  हुआ  उसका  दुःख  न  करो    l  मुझे  इस  एक  वर्ष  में  मकान  बनाने  की  विद्या   मालूम  हो  गई  l "  

WISDOM -------

   हिमालय  की  तराई  में  दो  संन्यासी  साथ -साथ  रहते  थे  l  उनमें  एक  वृद्ध   और  दूसरा  नौजवान  था   l  एक  बार  वे  कई  दिनों  की  तीर्थयात्रा  के  पश्चात्   जब  अपने  ठिकाने  पर  पहुंचे   तो  उन्होंने  देखा  कि   हवा -आँधी  ने   उनकी  कुटिया   को  तबाह  कर  दिया  l  यह  देख  युवा  संन्यासी  बड़बड़ाने   लगा ----" जो  छल -फरेब  करते  हैं  ,  उनके  मकान  सुरक्षित  हैं   और  हम  जो  दिन -रात  प्रभु  स्मरण  करते  हैं  , हमारी  कुटिया  तहस -नहस   हो  गई  l "  वृद्ध  संन्यासी  बोला ---- " दुःखी   मत  हो ,  इसमें  भी  कुछ  अच्छा  ही  होगा  l "  पर  युवा  संन्यासी  वृद्ध  की  बात  से  सहमत  नहीं  हुआ  ,  वह  दुःखी   होकर  रात  भर  जागता  रहा  ,  जबकि  वृद्ध  सुबह  सोकर  उठा   तो  बोला  --- " धन्यवाद  ईश्वर   आज  खुले  आसमान  के  नीचे   बहुत  अच्छी  नींद  आई  ,  काश  यह  छप्पर  पहले  ही  उड़  गया  होता  l "  इस  पर  युवा  संन्यासी  बोला ---- "  एक  तो   कुटिया  नहीं  रही  ,  ऊपर  से  आप   ईश्वर  को  धन्यवाद  दे   रहे  हैं  l "  वृद्ध  बोला ---- " तुम  हताश  हो  गए   और  इसलिए  रातभर  जागते  रहे   और  उदास  रहे  l  मैं  प्रसन्न  था  ,  इसलिए  चैन  की  नींद  सो  गया  l  "  इनसान  को  हर  परिस्थिति  में  प्रसन्न  रहना  चाहिए   l