इन दोनों द्रष्टिकोण की भिन्नता ही व्यक्ति और समाज के उत्थान और पतन का कारण बनती है l ------ मंदिर में दो व्यक्ति भगवान का दर्शन तन्मयतापूर्वक कर रहे हैं l पहला व्यक्ति भावना पूर्वक इस प्रतिमा में घट-घटवासी सर्वव्यापी भगवान् की झांकी के दर्शन करता हुआ गद्गद होता है l दूसरा व्यक्ति मुकुट , श्रंगार का , पत्थर आदि का मूल्य आंकता है और दूसरी प्रतिमाओं के बाह्य साधनों के साथ तुलना करता है , उसकी द्रष्टि विलास तक सीमित है l ऐसी स्थिति में दोनों का देव दर्शन भिन्न परिणाम ही उत्पन्न करेगा l
एक और तीसरा चोर व्यक्ति है , जो मूर्ति का कीमती श्रंगार चुराने की घात लगाकर खड़ा है और उसके लिए उपयुक्त अवसर खोज रहा है l यह उपरोक्त दोनों व्यक्तियों से भिन्न परिणाम का अधिकारी होगा l
पहले व्यक्ति को भगवान के दर्शन का लाभ मिलेगा , दूसरा व्यक्ति श्रंगार एवं मंदिर की शोभा की आलोचना कर के मनोरंजन करेगा l तीसरा चोर व्यक्ति पाप में प्रवृत होकर दुःख भोगेगा , पकड़ा गया तो जेल जायेगा l इस प्रकार एक ही प्रकार से देव दर्शन कर रहे तीन व्यक्ति तीन तरह की गति को प्राप्त होंगे l
कहते हैं भगवान भावना के भूखे हैं , हमारी भावनाएं पवित्र होनी चाहिए l ईश्वर - स्मरण के अनेक तरीके हैं l भगवान के नाम का उच्चारण कर के अथवा लिखकर किसी भी तरीके से ईश्वर को याद किया जा सकता है लेकिन यदि इसके पीछे भावना किसी को उत्पीडित करना , और अपने स्वार्थ की पूर्ति करना है तो उसका परिणाम व्यक्ति व समाज सभी के लिए दुखदायी होगा l
एक और तीसरा चोर व्यक्ति है , जो मूर्ति का कीमती श्रंगार चुराने की घात लगाकर खड़ा है और उसके लिए उपयुक्त अवसर खोज रहा है l यह उपरोक्त दोनों व्यक्तियों से भिन्न परिणाम का अधिकारी होगा l
पहले व्यक्ति को भगवान के दर्शन का लाभ मिलेगा , दूसरा व्यक्ति श्रंगार एवं मंदिर की शोभा की आलोचना कर के मनोरंजन करेगा l तीसरा चोर व्यक्ति पाप में प्रवृत होकर दुःख भोगेगा , पकड़ा गया तो जेल जायेगा l इस प्रकार एक ही प्रकार से देव दर्शन कर रहे तीन व्यक्ति तीन तरह की गति को प्राप्त होंगे l
कहते हैं भगवान भावना के भूखे हैं , हमारी भावनाएं पवित्र होनी चाहिए l ईश्वर - स्मरण के अनेक तरीके हैं l भगवान के नाम का उच्चारण कर के अथवा लिखकर किसी भी तरीके से ईश्वर को याद किया जा सकता है लेकिन यदि इसके पीछे भावना किसी को उत्पीडित करना , और अपने स्वार्थ की पूर्ति करना है तो उसका परिणाम व्यक्ति व समाज सभी के लिए दुखदायी होगा l
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