पं. श्रीराम शर्मा आचार्य जी ने लिखा है ----- ' समय - समय पर महाकाल की सत्ता विभिन्न रूपों में मानवी चेतना को झकझोरने आती रही है l उसे पहचानकर अवसर का लाभ जिसने उठा लिया , वह निहाल हो गया l मानव जीवन दुबारा नहीं मिलता l वह क्षय हेतु नहीं , गरिमा के अनुरूप शानदार जीवन जीने को मिला है l
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