इस संसार में एक पत्ता भी हिलता है तो उसकी कोई वजह होती है , कोई भी घटना अकारण नहीं होती l फिर यह जो महामारी है , इसके बारे में सोचें तो यह भयावह है लेकिन हमें हर बुराई में भी अच्छाई को खोजना है l ---- हम आधुनिकता की दौड़ में भटक गए थे , अपनी संस्कृति को भूलते जा रहे थे l इस महामारी के बहाने से ईश्वर चाहते हैं कि हम अपने पुरातन मूल्यों को पहचाने , उनका महत्व समझे l परिवार में मिलजुलकर रहें , नियम , संयम , मर्यादा का पालन करें l लोग सुख - शांति पाने के लिए बाहर भागते हैं लेकिन अब घर में रहकर हमें समझना होगा कि शांति हमारे ही भीतर है , अपनी इच्छाओं को सीमित करें , परिस्थितियों से तालमेल बैठाएं l
इसी तरह हम ईश्वर को खोजने धार्मिक स्थलों में , तीर्थ स्थानों में भटकते हैं l इन स्थानों पर कितनी भीड़ होती है l यदि यहाँ जाने वाले सब लोग सच्चे भक्त होते तो आज संसार में सुख - शांति होती l ईश्वर चाहते हैं हम अंतर्मुखी बने l इस सत्य का अनुभव करें कि ईश्वर ने हम सबको गिनती की सांसे दी हैं उन्हें हम धर्म , जाति , ऊंच - नीच के आधार पर लड़ने में न गंवाएं , इस धरती पर प्रेम से रहना सीखें l
इसी तरह हम ईश्वर को खोजने धार्मिक स्थलों में , तीर्थ स्थानों में भटकते हैं l इन स्थानों पर कितनी भीड़ होती है l यदि यहाँ जाने वाले सब लोग सच्चे भक्त होते तो आज संसार में सुख - शांति होती l ईश्वर चाहते हैं हम अंतर्मुखी बने l इस सत्य का अनुभव करें कि ईश्वर ने हम सबको गिनती की सांसे दी हैं उन्हें हम धर्म , जाति , ऊंच - नीच के आधार पर लड़ने में न गंवाएं , इस धरती पर प्रेम से रहना सीखें l
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