राम कथा जिसे हम पीढ़ी दर पीढ़ी सुनते आये हैं , हमें बताती है कि राम और रावण , दोनों में बुनियादी फरक बस अहंकार को लेकर था l श्रीराम अहंकारशून्य थे , जबकि रावण के अहंकार की कोई सीमा नहीं थी l अहंकार का मतलब है --- ' मैं ' को प्राथमिकता देना l राम ने ' मैं ' को कभी प्राथमिकता नहीं दी , जबकि रावण के लिए यही उसके अस्तित्त्व का आधार था l इसी अहंकर के कारण रावण का अंत हुआ l
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