रावण की जब मृत्यु हुई , तब उसके शरीर में हजारों छिद्र थे l लक्ष्मण जी ने रामचंद्र जी से पूछा ---- आपने रावण को एक ही बाण मारा था लेकिन रावण के शरीर में हजारों छिद्र कैसे हैं ? तब भगवान ने कहा ---- ये रावण के पाप हैं , उसके गुनाह हैं l रावण बहुत बलवान था , उसने सोने की लंका बनाई , उसने सब देवताओं को पकड़ लिया था l लेकिन सीता हरण करना उसका ऐसा पापकर्म था जिसने उसे कमजोर बना दिया l लंकेश जिसके दरवाजे पर असंख्य लोग पलते थे , उस बेचारे को सीता हरण के लिए भिखारी बनना पड़ा और वह भी इधर - उधर देखकर कि उसे कोई देख तो नहीं रहा है l गलत रास्ते पर कदम रखने के कारण उसकी दशा बहुत दयनीय हो गई थी l रामायण में भी यही लिखा है --- यदि व्यक्ति गलत रास्ते पर कदम उठाना शुरू कर देता है तो उसका तेज , बल , बुद्धि सारे के सारे सद्गुण नष्ट हो जाते हैं
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