नौशेरवां बादशाह था l ऐशोआराम की जिन्दगी , ढेरों गुलाम l एक दिन गुलाम ने बादशाह का बिस्तर ठीक किया , चादरें व्यवस्थित कीं l पर वह इतना थका हुआ था कि वहीँ गिर गया बिस्तर पर , नींद लग गई l बादशाह आया l उसने हंटर से गुलाम को मारा l पहले तो गुलाम कष्ट के कारण रोया l फिर हँसा l इतना हँसा , लगा कि पागल हो गया l बादशाह ने टोका तो बोला ---- " मैं तो थोड़ी देर सोया तो मेरा यह हाल है l आप रात भर सोते हैं , तो उस परवरदिगार के यहाँ आपका क्या हाल होगा , यही सोचकर हँस रहा था l ' बादशाह फिर सो न सका l गुलाम की बात ने उसके मन - मस्तिष्क में हलचल मचा दी l वह सारे सुख - उपभोग और सत्ता के अधिकारों से मुक्त हो कर हो गया l एक क्षण का विवेक जीवन को बदल देता है l
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