' व्यक्ति किसी विशेष योग्यता से संपन्न हो तो भी कोई जरुरी नहीं है कि लोग उसे तत्काल ही जानने लगें l प्रकृति की दीर्घ क्रिया व्यवस्थाओं से हीरे का निर्माण होता है l सदियों और सहस्त्र शताब्दियों तक वह धरती की परतों में ही छुपा रहता है , तब कहीं जाकर लोगों की निगाह में आता है l और उसका मूल्यांकन होता है l कई बार प्रतिभाशाली व्यक्ति भी बरसों तक उपेक्षित रहते हैं l शंकालु और आत्म निर्बल व्यक्ति इस उपेक्षा और अवमूल्यन से अपनी ही योग्यता को संदेह की द्रष्टि से देखते हैं और निराश होकर अपने जीवन को नरक बना लेते हैं l
लेकिन जिनमे धैर्य और संघर्ष की क्षमता होती है वे कठिनाइयों से जूझते रहने पर भी निराश नहीं होते और जीवन में सफलता प्राप्त करते हैं l
लेकिन जिनमे धैर्य और संघर्ष की क्षमता होती है वे कठिनाइयों से जूझते रहने पर भी निराश नहीं होते और जीवन में सफलता प्राप्त करते हैं l
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