2 May 2024

WISDOM -------

   गुरु  नानक  ने  सोचा  कबीर  की  बुद्धि  की  परीक्षा  करनी  चाहिए  l  उन्होंने  एक  चवन्नी  कबीर  के  पास  भेजी   और  कहला  भेजा  कि  इस  चवन्नी  की  कोई  ऐसी  वस्तु  लेनी  चाहिए  , जिसे  खाकर  सौ  व्यक्ति  तृप्त  हो  जाएँ   l  कबीर  ने  चवन्नी  ले  ली  , बाजार  गए  और  चवन्नी  की  बढ़िया    हींग  लाये  l  उस  दिन  नगर  के  एक  सेठ  भोज  दे  रहे  थे  l  हींग  लेकर  कबीर  सेठ  के  पास  पहुंचे   और  उस  हींग  का  दाल  में  छौंक  लगवा  दिया  l  वह  दाल  जिस -जिसने  खाई  , कबीर  की  हींग  की  सबने  प्रशंसा  की  , हींग  ने  सबको  तृप्त  किया  l  अब  कबीर  ने  सोचा  कि  नानक  की  बुद्धि  की  परीक्षा  की  जाये  l  उन्होंने  एक  रुपया  नानक  के  पास  भेजा   और  कहलाया  कि  --- एक  रूपये  की  औषधि   से  सारे  संसार   के  रोगियों  को  अच्छा  कर  दो  l  नानक  ने  गंभीरतापूर्वक  विचार  किया   कि  सारे  संसार  में  तीन  अरब  मनुष्य  हैं  , उनको  एक  स्थान  पर  बुलाना  कहाँ  संभव  है  ?   फिर  भेड़ , बकरी  चूहे , खरगोश , मछली   आदि  न  जाने  कितने  जीव -जंतु   इस  पृथ्वी  पर  हैं  l  एक  रूपये  में  सबकी   औषधि   किस  प्रकार  हो   ?   उन्होंने  एक   रूपये  की  गुग्गुल , कपूर , छार -छरीला   आदि   अनेक  प्रकार   औषधियाँ   मंगाई  और  हवन  करने  लगे  l  औषधियाँ   जलकर  नष्ट  नहीं  हुईं   वायुभूत  होकर  सारे  संसार  में   फ़ैल  गईं  l  जलचर , , थलचर , नभचर  सबने  साँस  ली  , औषधि   सबके  शरीर  में  पहुंची  l   और  सबके  शरीर  से    रोग -- कीटाणु  नष्ट  हो   गए   l  कबीर  ने  नानक  की  बहुत   प्रशंसा  की   तो  नानक  ने  कहा ---- कबीर  !  यह  श्री   तो  उन  ऋषियों  का  है  , जिन्होंने  संसार  के  स्वास्थ्य   के  लिए  यग्य  जैसे  महान  विज्ञानं  की  खोज  की   थी  l "