5 May 2020

WISDOM -----

   गुरु - शिष्य  भ्रमण  को  निकले  l   उन्हें  राह  में  एक  हाथी   मिला  ,  जो  एक  रस्सी  से  खूंटे  से  बँधा   खड़ा  था  l   उत्सुकतावश   शिष्य  ने  महावत  से  पूछा  --- " बंधु  !  यह  रस्सी  तो  पतली  सी  है   और  ये  विशाल  हाथी ,  जब  चाहे  इसे  तोड़कर  मुक्त  हो  सकता  है  ,  फिर  यह  भागता  क्यों  नहीं   ? "
महावत  बोला --- " जब  ये    हाथी   छोटा  था  , तब  यही  रस्सी  इसे  बाँधने  के  लिए  पर्याप्त  थी   और  अब  इसके  पूर्व  अनुभव   इसे  ये  आभास   ही  नहीं  होने  देते   कि  ये  रस्सी  इतनी  मजबूत  नहीं   कि   उसे  रोक  सके  l  "
  यह  सुनकर  गुरु  बोले --- "  मनुष्य  भी  इसी   हाथी    की  तरह  है   l   अपनी  आत्मशक्ति  को  पहचानता  नहीं   और  अपनी  कमजोरियों  के  कारण  दीन - हीन   स्थिति  में  पड़ा  रहता  है  l 

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