कहते हैं ' बड़ी मछली छोटी मछली की निगल जाती है ' --- इस सम्बन्ध में अध्ययन - अनुसंधान करने वाले इसके कारण व परिणाम का विश्लेषण करते हैं लेकिन जहाँ मानव जीवन में , आर्थिक क्षेत्र में यही बात कही जाये तो बिना छल - छद्म के ऐसा संभव नहीं होता l एक ही तरह की परिस्थिति में कहीं उद्दोग धंधे बंद हो जाते हैं , बेरोजगारी और भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गई l इसका दूसरा पक्ष देखें तो व्यापार - व्यवसाय ऐसा चमकता है कि लोग अरबपति हो जाते हैं l विचित्रताओं का यह संसार है , कहीं जश्न मन रहा है , कहीं मातम है l ऐसा इसलिए भी होता है क्योंकि लोग जागरूक नहीं है , लोगों की चेतना मूर्छित है l
No comments:
Post a Comment