5 May 2020

WISDOM -----

मनुष्य  जैसी  परिस्थितियों  में   लम्बे  समय  तक  रहता  है  ,  उसको  वैसे  ही  रहने  की  आदत  बन  जाती  है  l   दीर्घकाल  तक  जो  जातियाँ   या  समाज  आधीनता  में  रहे  ,  वे  शारीरिक  रूप  से  स्वतंत्र  भी  हो  जाएँ  तब   भी  वे  मानसिक  रूप  से  पराधीन  बनी  ही  रहती  हैं  l   अपने  भीतर  की  कमजोरियों  के  कारण ,   वर्षों  तक  स्वाभिमान  के  कुचले  जाने  के  कारण   और  मुख्य  रूप  से   संगठित  न  होने  के  कारण   वे  दबी - कुचली  स्थिति  में  रहने  को  विवश  होते  हैं   l   ये  लोग  जब  जागरूक  होंगे  ,  अपने  भीतर  की  शक्ति  को  पहचानेगें ,  अपने  स्वाभिमान  को  जगायेंगे  ,  तभी  इनकी  स्थिति  में  सुधार  होगा   l
  इसका  दूसरा  पक्ष  देखें  तो    वे  जातियाँ   जिन्होंने  युगों  तक  दूसरे  समाज  को , जातियों  को  अपने  आधीन  रखा  ,   उनकी    सब  पर  हुकूमत  जमाने  की   आदत   जाती  नहीं   है   l   वे  अपने  आधीन  रहे  पक्ष  को  हमेशा  अपने  से  हीन  व  निम्न  स्थिति   में  ही  देखना  चाहते  हैं   l   उनकी  ख़ुशी ,  उनकी  तरक्की   उनसे  सहन  नहीं  होती  l   अपने   समान    स्तर  पर   उन्हें   बैठे  हुए  देखना    उनकी  बर्दाश्त  के  बाहर  होता  है    l   इसी  लिए  वे  अपनी  सामर्थ्य  का  उपयोग   उनको   उठाने  के  लिए  नहीं ,   उन्हें   उसी   हीनता  की  स्थिति  में  बनाये  रखने  के  लिए  करते  हैं  l
 संसार  में   जो  भी  समस्याएं  हैं , अशांति  है ,  पीड़ा  है  ,  वह  धनवानों , बुद्धिमान  और  स्वयं  को  श्रेष्ठ  समझने  वाले  लोगों  के   अहंकार   के    कारण  ही  है  l   जब  लोग  समझेंगें  कि   इस  धरती  पर  चैन  से  जीने  का  हक  सबको  है  ,  तभी  शांति  होगी  l
  

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