2 January 2021

WISDOM -------

   स्वार्थ  और  लालच  व्यक्ति  को  किस  हद  तक  गिरा  देते  हैं  ,  इस  सत्य  को  बताने  वाली  एक  कथा  है  ----  प्राचीन  काल  की  बात  है  ,  जब  छोटे - छोटे  राज्य  हुआ  करते  थे  ,  कहीं  सामंत , कहीं   जागीरदार  तो  कहीं  राजा  हुआ  करते  थे  l  उनके  पास  अपार  सम्पदा  थी  l   राज्य  की  स्थिति   बहुत  उन्नत  थी,  प्रजा    भी  बहुत  सुखी  थी    l   सब  दिन  एक  से  नहीं  होते   l   कोई  व्यक्ति  अच्छा  होता  है  लेकिन  बुरी   संगत    उसे  बहुत  जल्दी  बुरा  बना  देती  है  l     पड़ोसी   राज्य  का  राजा  और  उसके  सामंत  आदि  बहुत  लालची  थे  ,  चाहते  थे  कि   उनकी  सत्ता  हरदम  बनी   रहे  l   जब  तक  वे  जीवित  हैं  गद्दी  पर  बने  रहें  और   दूर - दूर  तक  उनकी  हुकूमत  चले  l     इस  मंतव्य  से  उन्होंने   दूर  दूर  से  भी  सब  राजाओं  को  बुलवाया   और  उन्हें  भी  इसका  लालच  दिया  l   बुराई  की  राह  बड़ी  सरल  होती  है  ,  सभी  उनके  लालच  में  आ  गए  l   लेकिन  यह  कार्य  हो  कैसे  ?    इसमें  सबसे  बड़ी  बाधा  थी  --- जागरूक   प्रजा  l   यह  विचार   किया गया  कि   शिक्षा  व्यवस्था  को  ही  चौपट  कर  दो ,  जिससे  जनता  जागरूक  न  होने  पाए  l   गुरुकुलों  को  मदद  देनी  बंद  कर  दी ------- l   अब  दूसरी  बाधा  थी  कि  यदि  लोग  स्वस्थ  हैं  तो  वे  कहीं  से   भी  ज्ञान  प्राप्त  कर  लेंगे   और  विरोध  करेंगे  l  इसलिए   ऐसे  तरीके  अपनाये  कि   लोगों  को  पता  भी  न  चले   कि   क्या  कारण  है    और  वे  बीमार  रहें  l   जो  स्वस्थ  हैं  वे  भी  बीमारी  से  भयभीत  रहें  l   इन  सबका  परिणाम  घातक  हुआ  l   बुराई  ने  अपनी  जड़ें  जमा   लीं l   कहते  हैं  जैसे  धरती  पर  राज्य व  सरकारें  हैं   वैसे  ही  हिमालय  पर  ऋषियों , आचार्यों  की  संसद  है  l   जब  धरती  पर  पाप व  अनाचार  बढ़  जाता  है   तब  बागडोर  वे  अपने  हाथ  में  ले  लेते  हैं  जिससे  संसार  में  पुन:  सुख - शांति  कायम  हो  l 

No comments:

Post a Comment